Page 29 - HINDI_SB13_Judges3
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   रो मत􏰉 देख मंैने किसी को नहीं बताया।
क्या मंै तेरे लिए 􏰈किसी􏰈 हँू􏰇􏰇􏰇
अगर तूने मुझसे सच्चा प्रेम किया होता 􏰆 तो हमारे बीच कोई रहस्य न रहता।
 वह रोज़ उसे ताने मारती और उकसाती रही􏰅􏰅􏰅
 􏰅􏰅􏰅इतना कि उसे मरना बेहतर लगा।
  दलीला यह जानती थी कि उसने अपने मन का सारा भेद मुझसे कह दिया है􏰉 तो दलीला ने पलिश्तियों के सरदारों के पास कहला भेजा।
 मेरे सिर पर छुरा कभी नहीं फिरा􏰉 क्योंकि मंै माँ के पेट ही से परमेश्वर का नाज़ीर हँू।
अब की बार फिर आओ􏰉 क्योंकि उसने सब कुछ मुझे बता दिया है।
बेहतर होगा कि ऐसा ही हो।
  यदि मुझे मुँण्ड़ा जाए􏰉
तो मेरा बल इतना घट जाएगा􏰉 और मैं साधारण मनुष्य के समान हो जाऊँगा।
न्यायियों 􏰄􏰃􏰂􏰄􏰁􏰆􏰄􏰀
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