Page 2 - Vigyan Ratnakar Aug 2021
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अिस्त 2021
संपादकीय
विज्वान योद्वा लोकननकअभिनदं न
अिस्त 2021 | खंड 1 | अंक 6
प्रधान संपादक नकु ल पािाशि
प्रबंध संपादक कदपल दत्रपाठी
संपादक मानवध्गन कं ठ
पिामश्ग मंिल अभखलेश झा (अध्यक्) आलोक कु माि प्रकाश झा संजीव भसन्ा िरौशन झा
सुभार चन्द्र
दिजाइन पीयालीदिजाइन
पत्राचािक पता
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दिस्क्ेमि/अस्वीकिर
‘दवज्ान ित्ाकि’ मे प्रकाभशत लेख एवं लेखकगर विािा प्रस्तुत दवचाि, भचत्र आददक लेल दवज्ान प्रसािक कोनो भजम्ेवािी नदह अभछ। ‘दवज्ान ित्ाकि’ मे प्रकाभशत लेख एवं दवचाि आदद कें दबना कोनो शल्कु देने पुनः प्रयोग कयल जा सकै ये, मुदा तादह लेल ई उल्ेख किब आवश्यक होयत जे अमुक सामग्ी दवज्ान ित्ाकि सं लेल गेल अभछ आ तें साभाि/सरौजन्य दवज्ान प्रसाि अपेभक्त अभछ।
डॉ. नकुल पाराशर
आ देश प्रमे केि दम पि संघर्ग कितै िहलाह। भाितीय सववे दवभाग मे जे भाितीय वज्ै ादनक लोकदन आिस्म्भक काल मे जटु लाह, हनका सबहक बीच प्रमथ नाथ बोस सहे ो छलाह। एकटा उत्ृष्ट भगपू भ्ग दवज्ानी रूपें ख्ात श्ी बोस स्वदेशी दवचािधािा सँ अभभप्ररे ित छलाह। बहे ति योग्यता हबे ाक बादो हनका अधीक्क पद धरि पदोन्नदत सँ वंभचत िाखल गले । कोनो अग्ं जे लले त ई बहत नीचा स्तिक पद छल। एदह चलते श्ी बोस भाितीय सवक्वे र छोदड़मयिपूभंजकमहािाजओदहठामभगपूभ्गवज्ैादनकरूपें चाकिी किय लागलाह। हालादंक श्ी बोस कें भाितक दवज्ान के ि इदतहासमे बहत िास तिहक उपलस्ब्ध हाभसल किदनहािपदहलव्यदतिहबेाकगरौिवछदन।ओकोनो दरिदटश दवश्वदवद्ालयसँ दवज्ान स्ातक के दनहाि पदहल भाितीयछलाह।असममेखदनजतले केिपदहलखोज के दनहाि, भाित मे पदहल साबनु फै क्ट्ी लगरौदनहाि इत्ादद
दे
शकस्वतन्त्रताददवसकपचहत्तरिमबिखमेप्रवशे क संगहमसबआइएकबिे फेिसँ ओदहसबबहादिु
मनष्यु सभकँे अभभनंदन कय िहल छी जे सब एकटा सखु ी आ समद्धृ भाितमे हमिा सबहक जीवन सहज बनबे ाक लले अप्पन जीवन के ि उत्सग्ग क देलदन। एदह तिहेँसम्रपू ्गदेशमेबिखधरिचलयबलाउत्सवकआिम्भ भगले अभछ।हमहँसबदनरय्ग ललेहँजेदवज्ानप्रसाि एदह काजमे अप्पन दहस्ा पिपू त। दवदवध प्रारूप आ माध्यम सँहमसबभाितकवज्ैादनकलोकदनकअदम्यचतेनाक गाथाकँे प्रचारित किब। ह,ं हम सब दवपिीत परिस्थिदत मे देश मे दवज्ान आ प्ररौद्ोदगकी लले कयल हनका लोकदनक अदवितीय योगदान के ि स्मिर किब। एहन अनके प्रसं ग अभछ जादहसँ ज्ात होइछ जे अपना देशक वज्ै ादनक लोकदन दवज्ान आ प्ररौद्ोदगकीक क्त्रे मे उच्च भशक्ा प्राप्त किबासँ वा समभु चत शोध किबा सँ वं भचत कयल
जाइत छलाह।
छदन। ओ बं गाल प्ररौद्ोदगकी सं थिान सहे ो थिादपत केलाह जे आगपू जा क जाधवपिु दवश्वदवद्ालय बनल। सभसँपघैगप,ओजमशदेपिुमे टाटास्ीलकेिथिापनाकेिअगआु सहे ो छलाह।
भाितीयवज्ै ादनकलोकदनकसंग एदह तिहक भदे -भावक अनके कथा अभछ। अभधकति लोक कलकत्ता सँ सम्बद्ध छलाह। दकछुए संथिान सभआनठामथिादपतभले।परुे मे शंकि परुु रोत्तम आगिकि एकटा प्रभसद्ध वनस्पदत दवज्ानी भले ाह। ओ अत्ं त दवरम परिस्थिदतमे महािाष्टट् असोभसएशन फॉि कल्ीवशे न ऑफ साइंस के ि थिापना के लाह। कहल जाइछ जे एदह काज लले ओ अपन
सम्दत्त आ कदनयाक गहना धरि बभे च देलाह। ई सं थिान एखनआगिकिसंथिाननामसँख्ातअभछ।
दवज्ान आ प्ररौद्ोदगकीक क्ेत्रमे हमिा सबहक गरौिवाभवित योद्धा लोकदनक प्रदत हमि सबहक श्द्धा सुमन के ि साल भरि चलय बला उत्सवक आिम्भ दवदवध भाितीय भारा सभमे माभसक पदत्रका सबहक दवशेरांकक प्रकाशन, साप्तादहक आ पाभक्क व्याख्ानमालाक आयोजन आ एदह सब सामग्ीक ऑनलाइन प्रस्तुदत लेल एकटा दिभजटल पोट्गल केि शभुािम्भसँभेलअभछ।एदहसँआगोबहतदकछछैक। अहाँ सभकँे प्रेिक कथा सबहक शंखला भेटय वला अभछ। हमिा सब सं ग बनल िहू।
Email: nakul.parashar@vigyanprasar.gov.in
हम सब तमाम स्वतन्त्रता सने ानी
लोकदनक भखस्ा आ हनकासँ सम्बद्ध
प्रसंग सब पढैत, सनु तै , देखतै पघै
भले हँ अभछ। तथादप एदह सम्बन्ध
मे बहत कम जनतब उपलब्ध
अभछ जे कोना अप्पन वज्ै ादनक
लोकदन चनु रौती सभसँ संघर्ग किैत
िहलाक बादो देशमे दवज्ान आ
प्ररौद्ोदगकीक दवकास लले अपन
दमशन मे लागल िहलाह। ई त सब
गोटे जानतै छी जे हनका लोकदनक
माग्ग सगु म नदहए छल। अनके स्ति
पि हनका भदे भाव सँ संघर्ग किय
पड़ल। जँ दकयो भाितीय स्वतन्त्रता संग्ामककालखण्डमेभाितीयवज्ै ादनकलोकदनकसोझाँ उपस्थितसमस्ासबशोधशरुु कियतदनभचितरूपेंशोध प्रबंध सबहक ढेिी लादग जते कै ।
अदरौ कालसँ दवज्ान आ प्ररौद्ोदगकी के ि महत्व सब कें दवददत िहल अभछ। अग्ं जे सहे ो कोनो अपवाद त छलाह नदह। पलासीक यद्धु क दस बिख बाद, 1767 ई मे िॉबट्ग क्ाइव विािा भाितीय सवक्वे र दवभाग के ि थिापना भले जे दक आजकु दवज्ान आ प्ररौद्ोदगकी दवभागक भीति सभसँ पिु ान संगठन अभछ। हनका लोकदन कें आभास भले दन जे दवज्ान आ प्ररौद्ोदगकी केि प्रयोग केने दबना ओ लोकदन एदह देश कें बभपूझ नदह परौताह। एदह संगठन केि सहयोग सँ हनका सब कें भाितक नक्ा उपलब्ध भले । एदह क्रम मे हनका इहो ज्ात भले जे जँ ओ सब भाितक आमजन कें दवज्ान आ प्ररौद्ोदगकीक दवकाससँ दिपू िाभख सकभथ तखनदह एतय प्रभावी रूप सँ शासन क परौताह। तखनह भाितीय वज्ै ादनक लोकदन अपन दृढ दनचिय, आत्म सम्ान
जँ ककयो स्वतन्त्रता सग्ं ामककालखण्ड मेभारतीयवज्ै ानिक लोकनिक सोझाँ उपस्थित समस्ा पर शोधशरुु करयत शोधप्रबधं सबहक ढ े र ी ल ा म ि ज ते कै
हनक उपलस्ब्ध