Page 7 - Aahaar Kranti April Final H
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  अप्रैल 2021 आहार काांति 7
  प्रकृ त्त का अनमोल उपहार
दालें इं सानों के ललए प्ोटीन एवं अमीनो अमल के महत्वपरू ्ण स्ोत ह।ैं साथ ही जानवरों के ललए चारे के रूप में पादप आधाररत प्ोटीन का स्ोत भी ह।ैं खाद्य सरुक्ाऔरपोषरके उद्शे्यमेंऔर सथाई खाद्य उतपादन में दालें महत्वपरू ्ण भमू मका अदा करती ह।ैं दालें फलीदार (लगे्यमूमनस) पौधे हैं मजनहें वनसपतत जगतकेमहतवपरू्णकुललगे्यमूमनसेीके अनतगत्ण वगगीकृ त तक्या ग्या ह।ै लगे ्यमू ्या फलीदार फसलें मजनके सखू े दानों को उप्योग तक्या जाता ह,ै दलहनी फसलें कहलाती ह।ैं इन फसलों में उपलबध प्ोटीन पोषक ततव, आवश्यक अमीनो अमल, तवटाममन तथा ममनरल केकाररइनहेंप्ोटीनटेबलटे,प्कृतत का अनमोल उपहार आतद तवशलषे रों से अलंकृ त तक्या जाता ह।ै तवश्व भर के सवास्थ्य सं गठन अनके बीमारर्यों जसै े - मोटापा,मधमुहे,कैंसरआतदसेबचाव हते ु दालों के उप्योग की सलाह देते ह।ैं
ममलिा है। िोलेसटट्र ा ल घटाने िे अलािा भ़ी िाल़ी उडद सिास्थ्यिधि्श होि़ी है। यह तदल िो सिसथ भ़ी रखि़ी है, क्ोंति इससे र्ि सं चार बढिा है और हृदय धमतनयों िो अिरोध से बचाि़ी है।
दुतनया भर िे िैज्ातनि शोधों में चने िो उचच िोटट िा आहार माना गया है। चना िाले चने और िाबलु ़ी चने िे रू्प में उगाया जािा है। चने में िाबबोहाइडट्र ेट, प्रोट़ीन, नम़ी, मचिनाई, रेशे, िै क्शयम, मैनिेशशयम, आयरन ि तिटाममनस ए, स़ी, ब़ी6, ब़ी12, ड़ी आतद सममु चि मात्रा में ्पाया जािा है। चना ्पाचन शक्ि िो सं िश्ु लि रखिा है और तदमाग़ी शक्ि िो बढािा है।
मसूर दाल में िै क्शयम, फा सफोरस, आयरन, सोतडयम, ्पोटैशशयम, मैनि़ीशशयम, आयोड़ीन,एलयमु ़ीतनयम,िा्पर,श्जिि,प्रोट़ीन, िाबबोहायडट्र ेट एिं तिटाममन ड़ी आतद िति ्पाए जािे हैं। मसूर दाल िे सेिन से र्ि िी िृश्द्ध होि़ी है और दुबल्श िा ख़तम होि़ी है। िमजोऱी
या खून िी िम़ी होने ्पर मसूर िी दाल में एि चममच गाय िी घ़ी ममलािर खाने िी सलाह दछी जाि़ी है। मसूर ्पाचन तकया ठछीि िर ्पेट िे रोग दूर िरि़ी है।
लोतबया िी दाल बहि ह़ी सिातदष्ट और ्पोषि ितिों से भर्पूर होि़ी है। बढिे बचचों
िे श्लए लोमभया अमधि लाभदायि होिा है। लोतबया प्रोट़ीन िे साथ ह़ी ्पोटैशशयम िा भ़ी बहि अच्ा स्ोि है। साथ ह़ी इसमें मैनि़ीशशयम, िा ्पर िे साथ फाइबर िी सबसे ज्यादा मात्रा ्पाई जाि़ी है। इसमें तिटाममन ए, ब़ी12, ड़ी और िै क्शयम भ़ी होिा है। लोतबया शऱीर िे ख़राब िोलेसटट्र ोल िो िम िरिा है। साथ ह़ी इसमें मौजूद प्रोट़ीन और फाइबर ्पाचन तकया िो बेहिर बनािा है। लोतबया में मौजूद िाले रं ग िा भाग एं ट़ी आकस़ीडेंट िा िाम िरिा है।
राजमा लौह िति िा अच्ा स्ोि है। राजमा में मौजूद फोलेट िी मात्रा तदमाग िे िाम िरने िी क्षमिा िो बढाने िे साथ ह़ी उसे दुरुसि भ़ी रखि़ी है। मैनि़ीशशयम िी मात्रा माइग्ेन जैस़ी
गं भ़ीर समसया में राहि तदलाि़ी है। राजमा में मौजूद तिटाममन-िे िी मात्रा िोशशिाओं िो बाहऱी नकु सान से बचाि़ी है। राजमा में उचच मात्रा में फाइबर होिे हैं, जो ्पाचन तकया िो सह़ी बनाए रखिे हैं साथ ह़ी ये र्ि शि्श रा िे सिर िो भ़ी तनयं तत्रि रखने में मददगार होिा है। राजमा में मौजूद माश्लबडेनम िा िाम शऱीर िी तिषा्ििािोबहारिरनाहै।
आज आिशयि है ति हम अ्पने आहार िे प्रति सजग हों और ्पोषििा ि औषध़ीय गणु ों से भर्पूर दालों िा सममु चि प्रयोग अ्पने अच्े सिास्थ्य िे श्लए िरें।
लखे ि तिज्ान प्रसार में िज्ै ातनि 'ई' िे िौर ्पर िायर्श ि ह.ैं ईमले : nkapoor@vigyanprasar.gov.in
   





















































































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