Page 19 - HINDI_SB59_Letters3
P. 19

64 ई�ी. म� रोम शहर एक बड़ी आग म� जल गया - ब�त से रोम के  लोगों का
                                                                                पतरस
                                                                              I
                                            े
                           े
            मानना था िक इसे नीरो न अपनी लालसा को पूरी करन के  िलए उकसाया था।  I पतरस

                                                                              े
                                                                    कई रोमी लोग मार गए थे और कई
                                                                           बेघर थे।
                     े
                  े
              नीरो न अपन लोगों के  क्रोध को
                �
                 �
              ु
                        े
             पनिनदिशत करन के  िलए देखा...





                       ै
           इस बात की खबर फलाओ
                     े
            िक मसीिहयों न ऐसा िकया
             है - आ�खरकार, वे तो
                                                                         ु
                 े
                       ु
            िसखात ही ह� िक दिनया                            इस प्रकार मसीह-अनयािययों के  िव�� सताव की
            आग से ख� हो जाएगी।                                   200 साल की अविध शु� �ई।
            े
                    े
           प्र�रत पतरस न यह पत्री
        िततर-िबतर �ए मसीिहयों को यह
             े
         बतान के  िलए भेजी िक कै स  े
                      ै
              ु
        मसीह-अनयािययों को बरभाव से
                  ु
       िनपटना है और दिनया म� रहना है।
                                       ु
                                               े
                    ु
     पु�ुस, गलाितया, क�दिकया, आिसया माइनर और िबथिनया म� िबखर �ए लोगों के  िलए
                                       े
                े
                                                 े
      - िपता परम�र न तमको ब�त पहल चुना था और जानत थे िक तुम उनक ब�े बनोग। े
                  ु
             े
                            े




                                          �
                                            ु
                                                         े
                                       ँ
                                              े
                                 ये परी�ाए िसफ त�ार िव�ास को परखन के
                                            े
                                  िलए ह�, यह देखन के  िलए िक वह �ढ़ और
                                         शु� ह� या नहीं।
                                             े
                                     जैसे आग सोन को परखती और शु� करती है—और
                                                              े
                                                     े
                                          ु
                                     वैसे ही त�ारा िव�ास परम�र के  िलए सोन से कहीं
                                              अिधक कीमती है।
                        े
                                 ु
            उस पर भरोसा रखन का प्रितफल त�ारी
                आ�ाओं का उ�ार होगा।
               यह उ�ार कु छ ऐसा था िजसे भिव���ा
                   पूरी तरह से नहीं समझ पाए थे।

                                              I पतरस 1                                     17 17
                                              I पतरस 1
   14   15   16   17   18   19   20   21   22   23   24