Page 5 - Vigyan_Ratnakar_April 2021
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     के र अंति्णत प्दतभािी सभकें दिकल्प िेल जाइत अछि दक ओ अपन पसंि क मंत्र समूह, खासकय आध्यामिक परंपराित मं त्र सभक चयन करैि। मािक िं भीर चयोट सं पीदड़त रयोिी सभक उपचार मे जखन मंत्रयोच्ार कें शादमल कयल िेल त’ पाओल िेल दक सामान्य परंपराित उपचार जादह रयोिी कें िेल िेल ओकरा तुलना मे ओहन रयोिी मे मािक िंभीर चयोटक बाि हयोमय बला तनाि सं बं धी दिकास सभ जेना दक अिसाि, मानछसक स्ास्थ्य स्तर आ आध्याछमिक हाि-भाि मे नीक सकारामिक पररणाम सामने आयल, जकरा पारम्पररक उपचारक सं ि-सं ि मं त्रयोपचार िेल िेल। एमआरपी मे भाि लेबय बला िररष्ठ नािररक सभ मे अदनद्रा केर समस्या मे सुधार िेखल िेल। एमआरपी बीए स्ाफक लेल सेहयो बहत बेसी लाभिायक छसर् भेल। तनािकारी घटना सभक चलते हयोमय बला ठही आ मानछसक तनाि कें कम करबा मे सेहयो मंत्रयोच्ारण के र बहत सकारामिक प्भाि िेखल िेल अछि।
कयोनयो मंत्रक 15-20 दमनट रयोजाना चारर सप्ताह धरर उच्ारण/श्िण करला सं लयोकक मनयोिशा मे सधु ार
आ िैलमास सेहयो िेखल िेल।
एदह सं बं ध मे 8f एमआरआई (8fMRI) यं त्रक
संिकयलिलेएकटाअनसुंधानसंईदनष्कष्णदनकालल िले दक मलस्तष्क कें अदक्रयाशील रहबाक तलु ना मे जखन मलस्तष्क मंत्रयोच्ारणक िरौरान दक्रयाशील भले त’ऑरदबटयोफ्ंटलकेंिनुूआएंन्ीररयरछसिंलुटे, परै ादहप्पयोकै म्पल जाइरी, िलै मै ी आ दहप्पयोकै म्पी मे दक्रयाशीलता िेखल िले । मंत्रक उच्ारण करला सं िलै मै ी आ छललम्बक संरचना एंटीररयर छसिं लु मे , दहप्पयोकै म्पी, इन्लु ा आ परै ादहप्पयोकै म्पी मे दक्रयाशीलता नयोटकयलिले ।जखनदकआनध्वदनसभकलस्दतमे एदह भाि सभ मे कयोनयो दक्रयाशीलता नदह भले ।
एदह क्त्रे मे कयल िले अनसु ं धान एदह बातक पदु ष् करतै अछि दक मं त्र आधाररत ध्यानदक्रया सं लयोकक इम्नू छसस्म सहे यो बहे तर हयोइत अछि। संज्ानामिक क्मताक कमी बला लयोक सभ पर सं ज्ानामिक दक्रया के र प्भािक मलू ाकं न करबाक लले स्ैंरर्ण ममै योरी एन्ासं मटें टेदट्निं प्योग्ामक सं ि कीतन्ण दक्रया के र तलु ना कयल िले । हालादं क िनु ू के र उपचार दिछध मे लयोकक याििा्त मे बहत बसे ी सधु ार पाओल िले , मिु ा खाली कीतन्ण दक्रया मे लयोकक
अप्रैल 2021 5 काज करबाक क्मता मे (व्िहार कें दनयंदत्रत करबाक लले
मानछसक प्दक्रया) नीक सधु ार िखे ल िले अछि। एना मे कहल जा सकैत अछि दक संज्ानामिक क्मता मे कमी केर उपचाराि्ण कम सं कम मानक उपचार दिछध के र समाने मं त्र आधाररत ध्यान दक्रया प्भािशाली हयोइत अछि।
मंत्रक मैके नििम
मंत्र पनु रािदृत कायक्र्ण म (एमआरपी) रयोियोपचारक एकटा एहन प्णाली अछि जादह मे मख्ु ततः तीन प्कारक दक्रया शादमल हयोइत अछि (क) मन्त्र कें बरे – बरे ियोहरेनाई (ख) नहू-नहू मन्त्रयोच्ारण करनाई (ि) एकटा दबन्ु (िस्त/ु स्ान) पर ध्यान केछन्द्रत करनाई। मंत्र एकटा एहन अछभव्दति अछि जकरा एदह प्णाली के र जन्मिाता एकनाि ईश्वरन द्ारा प्ािदमकता िेल िले । मंत्र एकटा स्यं चयदनत पािन शब्द िा शब्द समहू हयोइत अछि जकर लयोक समचू ा दिन मने मन जाप करैत अछि (बरे -बरे ियोहराबतै अछि) जादह सं दक ओ अपन मलस्तष्क मे आबय िला अिाछंित दिचार सभ सं िरू मन्त्रयोच्ारण मे अपन ध्यान लिा सकय। मन्त्रक कम आिाज मे उच्ारण करला सं मनक एकाग्ता बढ़ैत
अछि, कम आिाज मे पढ़ला सं तात्पय्ण अछि मं त्रयोच्ारण मे ध्यान कें दद्रत करनाई। मंत्रयोच्ारणक समय मन कें कयोनयो एकटा दबन्ु पर के छन्द्रत कयल जाइत अछि जादह सं दक मन अलि-अलि दिषय सभ मे नदह भटकय। कतके यो तरहक रयोिी सभ पर पर कयल िले एमआरपी अनसु ं धान सभसं पता चलतै अछि दक मन्त्रयोच्ारणक व्दति केर स्ास्थ्य संबंधी समस्या सभ पर सकारामिक प्भाि पड़ैत अछि। एदह सं मानछसक तनाि कम हयोइत अछि आ ज ी ि न श लै ी म े स हे यो स धु ा र ह यो इ त अ छ ि ।
एमआरपी पर कयल िले अनसु ं धानक अध्ययन सभसं एदह बातक पदु ष् हयोइत अछि दक मन्त्रयोच्ारण िररष्ठ नािररक सभमे मानछसक तनाि कें कम करबा म,े हनकरजीिनशलै ीमेसधु ारकरबामेआ आध्याछमिक दक्रया मे बहत बसे ी कारिर छसर् हयोइत अछि। एमआरपी मानछसक तनाि आ िकान कें िरू करबाक एकटा उत्तम साधन अछि। ई प्णाली मानछसक
तनािक प्दत लयोकक प्दतदक्रया आ कयोनयो तनािपणू ्ण लस्दत मे एदह तनाि कें सहबाक व्दति दिशषे केर क्मता कें प्िछश्णत करैत अछि। एमआरपी के र अभ्ास सं व्दति कयोनयो भी तनािपणू ्ण लस्दतक नीक जकां सं सामना करबा मे समि्ण भ’ सकै त अछि।
बने इमछेजंि अध्ययन सं सहे यो पता चलतै अछि दक कयोनयो भी शब्द िा मंत्र आदि कें बरे -बरे बाजला सं मानछसक शालन् भटे ैत अछि। एकर उच्ारण सं मलस्तष्क मे नकारामिक दिचार नदह आबतै अछि आ मानछसक िकान िरू हयोइत अछि। मं त्रक बरे -बरे आ धीर-े धीरे उच्ारण करला सं मनयोिज्ै ादनक आधार पर शादं त आ सं तदु ष् महससू हयोइत अछि। एमआरपी के र तीनू चरणक दनरंतर अभ्ास करला सं मलस्तष्कक न्यरू ल नटे िक्ण दक्रयाशील हयोइत अछि जादहसंमनकएकाग्ताबढ़ैतअछि।
हयोयबाक सं िदह तनाि, छचतं ा, मानछसक
परशे ानीसबमेसहे योबहतबसे ीकमीिेखल
िले अछि। मानछसक रयोि सं पीदड़त रयोिी
सभक पररिारक सिस्य पर सहे यो मंत्रक
प्भाि के र अध्ययन कयल िले आ पाओल
िले दक मानछसक रयोि सं पीदड़त रयोिी के र
िेखभाल करय बला पररजन पर सहे यो मंत्रक
बहत सकारामिक प्भाि हयोइत अछि। एदह
अनसु ं धान-अध्ययन सभ मे जप दक्रया
आ एक प्कारक मंत्र आधाररत कंुरछलनी
ध्यानक प्भािक अध्ययन कयल िले । जपदक्रयामेकयोनयोमंत्रकबरे-बरे उच्ारण
के नाई, शारीररक मद्रु ा सभ (जने ा दक सभ
आंिरु सं अिं ठू ा कें स्पश्ण करनाई) आ
मानछसक िशन्ण सन दक्रया शादमल हयोइत
अछि। अध्ययन करला पर पाओल िले दक
मानछसक रयोि सं पीदड़त लयोकक पररचया्ण
करयिला पररिारक जे सिस्य रयोजाना 12
दमनट, 12 टा जाप 8 सप्ताह धरर करबाक
अभ्ास कयलदन, हनका मे मानछसक
अिसाि कें िरू करबाक लले , दिश्ादं तकारी
संिीत सनु य िला सिस्यक तलु ना म,े
मानछसक अिसाि संबंधी समस्या मे बसे ी सधु ार हयोयबाक सं िदह हनकर मानछसक स्ास्थ्य सहे यो बहे तर भले ।
मलस्तष्क कें दक्रयाशील करबाक लेल मंत्रयोच्ारण के र प्ययोि बहत बेसी कारिर छसर् भ’ रहल अछि। ई िेखबा मे आयल अछि दक मंत्रक उच्ारण करबाक िरौरान दनकलय िला ध्वदन सं कानक चारू कात कं पन बुिना जाइत िै क। एना बुिाइत िै क दक ई ध्वदन कंपन िेिस नि्ण के ऑररकुलर बांचक द्ारा संचाररत
हयोइत अछि। एदह सं बं ध मे
पता चलल दक मंत्रयोच्ारण सं मलस्तष्कक छललम्बक भाि दक्रयाशील भेल आ एदह तरहक दक्रयाशीलता न्यूरयो हेमयोरायनॉदमक कयोररलेट, छललम्बक बेन रीजं स, ऐदमिरैला, दहपयोकैम्पस, पैरादहप्पयोकैम्पल जाइरस, इन्ुला,ऑरदबटयोफ्ंटलआएंटीररयरछसंिुलेटकयोदटस्णेस
कोनो मत्रं क 15-20 समनट िोजाना चारि िप्ाह धरि उच्ािण/श्रिण किला िं लोकक मनोदशा मे िधु ाि होयबाक िगं हह तनाि, हचंता, मानसिक अशारं त जहे न पिशे ानचीिबमेिहे ोबहुतबिे ची कमची दखे ल गले अथि।
अशादं त
जहे न
  कयल िेल अध्ययन सं
  























































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