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P. 6

इंसान क  बा  संरचना एवं


                                   आ त रक प रवतन क  जनक ह नारी
                                                                                   ै

                                                                े
                                              ह नर तू कस भूल गया
                                                            ै
                                                े
                                                                       ै
                                            हर नर क  माता ह नारी ।


                                             नर – नारी म भद करना
                                                                    े
                                                                        ै
                                                 ै
                                               ह सवनाश क  तयारी

                                                 े
                                                र नर अब तू ही बता

                                            या तरी सफलता क पीछ
                                                                                  े
                                                                          े
                                                    े
                                                          ै
                                                नह  ह  कोई नारी ।

                                                                      ँ

                                                                             ै
                                   सब ब च  का उ र हा म ह इसिलए

                                    ह उ क ं ठा म अब पौ षी क  बारी ।
                                      ै
                                                                                    े
                  िव ालय क    तुत ई – पि का म अनक िव ािथय   ारा


           अपनी रचना शली, संकलन, संपादन कला का का िविश  प रचय
                                   ै

                                                                 े
            दान िकया गया । यह िव ालय क मु य बोध िब द ‘आओं जीना
                                                                                            ु
                                                                                                      े
                                                                                                  े

           सीख’ क अ तगत ब च  क गूढ़  ान को उ ािटत करन क  यास

                        े
                                                      े
                                    ै
                                                                   े
           का िह सा रहा ह । िजसक उपयोग स व भिव यपथ क  ओर अ सर
                                                                       े
                                                  े
                                                         े
                 े
                                                                                                े

           ह ग । इस मु य बोध िब द क अ तगत सुबह समय स जागना एवं
                                                     ु
                                                                                                े
           अ ययन क िलए घर पर िविश   थान िनधा रत करन क साथ-साथ
                            े

                                                                                             े
                                                                         े
           तीन ि थर मानिसकता को  थािपत करन वाल पाठ्य म
                                                                                 े
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