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Aastha Jaiswal, Class 5 लॉकडाउन
शाश्वत संह, ३
एक बार एक नटखट लड़का था| शहर म लॉकडाउन हो गया था| कोई बहत बड़ी
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महामारी पूर वश्व म फल गई थी। अब वह अपन मत्रों रूशान, सानवी और
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अ द त क साथ नहीं खल सकता था। चारों मत्रों क साथ तीन उनक क बच्चे भी
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खलते थ। चारों मत्रों न उनक नाम मुक्क ,डग्गू और वक्क रख थ। खलते समय
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वह उनक लए कछ खान को लकर जाते थ।
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लॉकडाउन म अब घर म ही रहना पड़ता था। हर रोज आपस म व्हाट्सएप पर
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वी डयो चैट करते थ। एक दन उस लड़क न अपन बरामद स दखा क उसक
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दो त मुक्क, डग्गू और वक्क भूख ही नीचे घूम रह ह। उनकी ऐसी हालत
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दखकर उस बच्चे न कछ करन का सोचा।
शाम म जब वह बच्चे अपन दो तों स बात कर रह थ तब उसन उनको मुक्क,
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डग्गू और वक्क क भूख होन की बात बताई बच्चे न अपन दो तों को कहा–“क्यों
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ना हम अपन बरामद स उनको ब्रड बि कट और खान क कछ सामान फक”।
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सभी मत्रों न यह सुझाव मान लया और अगल दन स वह सब ब्रड और
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बि कट नीचे फकन लग। एक दन उनक माता- पता न ऐसा करते दख लया
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और कारण जानकर उन्ह समझाया क ऐस गंदगी फलाना ठीक नहीं ह। ऐसा
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कहकर उनक माता- पता न उन पल्लो क लए खान का प्रबंध नीचे ही करवा
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दया यह दखकर सार बच्चे बहत खुश हए क्यों क अब उनक मत्रों को रोज
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पटभर खाना मलता था अब बच्चे बसब्री स लॉकडाउन क खत्म होन का इतजार
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करन लग।
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Background illustration by Anvi Raj, Class 5