Page 58 - Sanidhya 2025
P. 58
श्रीीमाती अख्तरं बोंगमा
े
े
ं
ं
े
ं
ु
आ� हीमा जि�क्र कांर रही ही हीमांर श्रीीनांगाँर ग्रुपु सटेर मा इ�ते�ंर नां कांरनांं पुड़े। कांं टेीनां, अस्पतेंल यं कांं पु मां
े
े
े
रहीनां वेंली श्रीीमातेी अख्तर बगाँमा कां पुजिते सउपुजिनांरी0 आनांे-�ंनांे कांे जिलए आवेश्यकांतें अनांुसंर ई-रिरक्शां
ु
सलंमादेीनां खंटेंनांं ग्रुपु कांन्द् श्रीीनांगाँर मा तेनांंते था। फ्रीी उपुलब्ध कांरवेंयं गाँयं हीै। बच्चेो कांो अगाँर बंहीर
े
ै
े
े
े
े
ं
ु
डयटेी कां देौरंनां उनांकांी कांसर कांी बीमांरी स मात्यु कांोई कांंमा हीो तेो ग्रुुपु कांे न्द् श्रीीनांगाँर कांे द्वांरं वेंहीनां
ू
ं
े
हीो गाँयी और वेो पुीछे छेोड़ गाँए अपुनांं पुरिरवेंर जि�समा उपुलब्ध जिकांयं �ंतें हीै। ग्रुुपु कांे न्द श्रीीनांगाँर नांे श्रीीमातेी
े
े
उनांकांी पुत्नीी श्रीीमातेी अख्तर बगाँमा तेीनां बच्चे उल्फते अख्तर बेगाँमा कांी आजिथावकां स्थि�जिते सुधींरनांे कांे जिलए
बंनांो (24 वेर्ष) �ो (BA) Kupwara], तेही�ीमा अक्तर उनांकांी बड़ी बेटेी उल्फते बंनांो कांो कांंजिशर मां�नांटेेसरी
व
े
ु
व
(पुत्री) (22 वेर्ष) �ो (B’SC Nursing) Srinagar, स्कू ल माे 11 मांही आयं कांंमा भी जिदेयं गाँयं। वेतेवमांनां
सोबीयं बंनांो (पुत्री) (20 वेर्ष) �ो (12th) KIE माे आरसीडब्ल्ूए कांे द्वांरं उल्फते बंनांो कांो एकां
व
ु
व
Higher secondary school Sringar मा वेतेमांनां कांक्षे उपुलब्ध कांरवेंयं गाँयं हीै। जि�समाे वेही ग्रुुपु कांे न्द
े
े
ू
े
ै
व
े
मा पुढ रही ही। श्रीीनांगाँर कां बच्चेो कांो उदे भंर्षं जिसखंंतेी ही जि�सस े
ं
इनां कांी आजिथाकां मादेदे हीो �ंतेी ही। ग्रुपु कांन्द श्रीीनांगाँर
ै
ु
े
व
ै
े
अब हीमांरी बंरी ही �ो पुरिरवेंर वेही हीमांर भरोस भजिवेष्य माे भी इनांकांी आजिथावकां मादेदे हीेतेु अवेसर खंो�े
े
े
ं
छेोड़ गाँए ही उनांकांी देखंभंल कांी उनांकांी जि�म्मादेंरी �ं रहीे हीै।
े
े
ु
ं
े
े
कांो जिनांभंते हुए ग्रुपु सटेर श्रीीनांगाँर नां कांछे छेोटे-छेोटे े
ु
ु
े
ै
े
प्रयंस जिकांए ही। हीमांरं प्रयंस यहीी ही जिकां वे खंदे कांो अकांलं माहीसस
ू
ं
नां कांर और सरजिक्षेते और सम्मांजिनांते माहीसस कांर और
ं
ं
ू
ु
ु
े
ं
श्रीीमातेी श्रीीमातेी अख्तर बगाँमा कांो ग्रुपु सटेर मा पुरिरवेंर हीमा उनांकांे चीेहीरे पुर प्यांरी माुस्कंनां और स�तेोर्ष लं
ं
े
े
े
कां संथा रहीनां कांी व्यवे�ं कां जिलए सरकांंरी आवेंस सकांं ।
उपुलब्ध कांरवेंयं गाँयं ही। कांटेीनां, अस्पतेंल मा उन्हे ं
ं
ै
ं
प्रंथाजिमाकांतें देी �ंतेी ही तेंजिकां उन्हे लंइनां मा लगाँकांर
ै
ं
ं

