Page 41 - Sanidhya 2024
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एके संस्माराण: उप-केमाांर्डट (केल्यााण-शाखाा) केी केलामा से....
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आपनेे औ� ह�नेे ने जाानेे मिकेंतनेी केंहामिनेया� पढ़ीी हंंगृी औ� प्रसन्नेता दाखुनेे लाायकें थी, आजा उने �ँढ़ीी
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सनेी हंंगृी। मिकेंसी केंी दाास्ताा�-ए-मि�न्दगृी केंभाी ह�ं रुलााती ह तं केंभाी आखुंं �ं नेयी नेवंलाी दाल्हने केंी त�ह शा�ष
केंछ खुुशाने�ा एहसास दा जााती ह । एकें ऐसी ही अनेंखुी दाास्ताा� ह या औ� चं�कें थी ।
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यँ� केंह मिकें मिजान्दगृी कें चंंदा पन्नेे ह जां यकेंीनेने ह�ा� मिदाला केंं इस त�ह मिह�ालाय केंी गृंदा �ं �ैठे एकें
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छ जााएगृे जासे केंंई प�छाई ह�ा�ी प�छाई कें साथ मि�लाकें� एकें हं गृावं केंी �ासँ� अल्हड़, शा�ीलाी, उ�गृंं
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जााए औ� मि�� केंभाी ने जाुदाा हंनेे वंालाा एहसास मिदालांं �ं छंड़ जााए। से भा�ी, सुन्द� सपनेंं केंं सजााए, �चंपने उप-�मुाडोटी �ल्यााण-शाखा
�ाम सा�ीर्व� निसाह,
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मिपछलाे 60 वंर्षों से मिवं�लाा दावंी अपनेे जाीवंने केंं मि�नेा शांकें- केंं अलामिवंदाा केंहती हुई एकें पहाड़ने सहै सया� सकिचवा CWA
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हर्षोष कें स�भाावं से जाी �ही थी, प�न्तुु आजा CRPF केंी एकें मिवंशार्षो �मिह� लाड़केंी जाीवंने कें इन्द्धनेर्षोी �गृ मिलाए, भामिवंष्य कें सपनेे सजांए सहागृने
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नेे मिवं�लाा दावंी केंं वंं प्रसन्नेता �नेी । पमित CRPF �ं थे । उसी CRPF �ं मिजासनेे वंर्षोष 1962 कें भाा�त-
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प्रदााने केंी मिजासकेंी केंल्पनेा चंीने युद्ध �ं भाा�तीय सनेा कें केंधे से केंधा मि�लााकें� दाश्मनेंं केंा
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उन्होंंनेे केंभाी नेहीं केंी थी । �केंा�लाा मिकेंया था औ� अपनेे शाौयष केंा लांहा �नेवंाया था ।
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जा� मिवं�लाा दावंी जाी से उस दाौ�ाने �ं दाशा �ं यातायात वं दा�सचंा� कें साधने लागृभागृ
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उनेकेंी प्रसन्नेता केंा केंा�ण ने कें ��ा�� थे । �ौजा �ं छमि�या� लांगृ साला �ं एकें-दां �ा� ही आते थे
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पँछा गृया तं उनेकेंा । उने छमि�यंं �ं जा� मिवं�लाा दावंी कें पमित वंी� मित्रीलांकें मिसंह घ� आए
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जा�ावं था “आजा CRPF भाी, तं पारि�वंारि�कें �यादााओंं औ� �ड़-�ँढ़ींं कें सा�नेे नेवं मिवंवंामिहता
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नेे उनेकेंं अपनेे पमित कें जांड़ �ात नेही कें� सकेंते थे इसमिलाए मिवं�लाा दावंी नेे केंभाी अपनेे पमित
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दाशाषने कें�ा मिदाए।” केंं अच्छे से दाखुा भाी नेहीं। पमित केंा, �ाता-मिपता, भााई-�हनेंं से मि�लानेे
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ये केंहानेी ह, कें उप�ान्तु सायकेंाला ही अपनेी जाीवंनेसमिगृनेी मिवं�लाा दावंी से मि�लानेा
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हुआ । इस केंा�ण दांनेंं केंा केंभाी उजाालाे �ं एकें दास� से अच्छे से
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मि�लानेा भाी नेहीं हं सकेंा ।
अचंानेकें एकें मिदाने CRPF से
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खु�� आयी मिकें मिवं�लाा दावंी कें पमित
मित्रीलांकें मिसंह पँवंोत्त� �ं उग्रवंामिदायंं से
दावंभाँमि� उत्त�ाखुंड कें पौढ़ीी लाड़ते हुए वंी�गृमित केंं प्राप्त हुए ह।
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गृढ़ीवंाला मिजालाे केंी, जाहा� एकें मिवं�लाा दावंी कें ऊप� तं �ानें वंज्रपात हं
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छंटे से गृावं �ं �हती ह मिवं�लाा गृया हं । उस नेयी नेवंलाी दाल्हने से तं
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दावंी जाी । आजा मिवं�लाा दावंी मिनेयमित नेे सा� सपनेे ही छीने मिलाए । ने जाानेे
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इतनेी प्रसन्ने ह, जासे नेयी मिकेंतनेे �गृ दाखुनेे थे, मिकेंतनेा सखु अनेभावं
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नेवंलाी दाल्हने पहलाी �ा� कें�नेा था । उस एकें पला �ं स� केंछ खुत्म
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अपनेे मिप्रय सस�ाला �ं हं गृया । मिवंमिध नेे उसे ऐसे �ंड़ प� लााकें�
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आकें�, लााड़ कें�नेे वंालाे खुड़ा कें� मिदाया जाहा� से केंंई �ास्ताा उसकेंी
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सास-सस� औ� अनेंत प्र� खुुमिशायंं तकें नेहीं पहुचंता था ।
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कें�नेे वंालाे मिप्रयत� कें
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मिवंमिध कें मिवंधाने कें आगृे नेत�स्ताकें हंते
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मि�लाने प� प्रसन्ने हंती ह ।
हुए, मिवं�लाा दावंी नेे इसे अपनेी मिनेयमित �ानेकें�
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मिवं�लाा दावंी कें चंेह� केंी
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स्वीीकेंा� कें� मिलाया औ� एकेंाकेंी �हते हुए
खुुशाी औ� शा�ष केंी मि�मिश्रीत
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अपनेी परि�स्थि�मितयंं से ताला�ला �ठेाकें� मि�नेा
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