Page 16 - Sanidhya 2024
P. 16

अनीशा दयााल सिंसोह, भाा.पु.सो. े
                                                                                                             ु
                                                                                                        ं
                                                                                                          ु
                                                                                                   े
                                                                                                         ि
                                                                                               े
                                                                                                              मुहैाकि��शी�, �न्‍ द्रीया रि�जावा पकिलसं बल
                                                  महाानि�देशक महाोदेय का संन्देश
                                                                             े
                                                          े
                                                                               ि
                                                            ं
                                                                                                े
                                     ै
                         े
                            ि
                                                                                                   ि
                                                                                                          े
                                                                                                             ं
                   याहै बड़ी है� �ा किवा�या है कि� “CRPF परि�वाा� �ल्‍ यााण संस्‍ र्था” (�ावाा) अप�ी वााकि�� पकि��ा “संाकि�ध्य” � वा� 2024 � अ�
                                                                                              ि
                                                                         े
                                    ै
                                                                                     े
                                                ि
                   �ा प्र�ाशी� �� �हैी है । याहै संस्थाा वा�, 1995 सं प�ी उमुग वा उत्सााहै � संार्थ लगाता� �न्द्ीया रि�जावा पकिलसं बल � सं�स्योंं
                                           ं
                                                              ं
                                                                                                ु
                                                         ू
                                                        े
                                                                                                        े
                                                               ि
                                                        ं
                                                                   े
                                                    ं
                                                                            े
                                                                                                              े
                                                                                           ्
                                                                                                         े
                    े
                                                                                                    ै
                   � परि�वाा�ंं, मुकिहैलाओंं, बच्चोंं तर्था शीहैी�ंं एवा कि�वागत �ाकिमु�ंं � परि�जा�ंं � �ल्यााण हैत संतत प्रयाासं�त है। हैमुा� बल �
                                                                                     े
                                                                                      ु
                                                                                                  ं
                                             े
                                                                                                    े
                   जावाा� वा अकिधै�ा�ी �शी � है� �ं� मु ऐसंी किवा�मु परि�खिस्थाकितयांं मु त�ात �है �� �ाष्ट् ी  �ी संवाा �� �है है जाहैा वा अप� परि�वाा�
                                                                                                         े
                                               ं
                                                                                     े
                                                                    ै
                                                                                             े
                                      े
                                                                                               ं
                                                                   ं
                                   े
                                                                                   ि
                                              ं
                                                                                       ं
                                                                                           ि
                                                              ि
                                                                  े
                                                                                                   े
                                                         े
                                                                                                        ं
                                          े
                                            ं
                                    े
                   �ं संार्थ �हैीं �खु सं�त है। ऐसं मु संस्‍ र्था द्वाा�ा बल � �ाकिमु�ंं � परि�वाा�ंं �ं आत्मकि�भा� एवा आकिर्थ� रूप सं स्वाावालबी ब�ा�  े
                                      ै
                    े
                   � अ�वा�त प्रयाासं जाा�ी है।
                                      ं
                                                   े
                                                              ि
                                                    े
                                                               ु
                                                                        े
                   “�ावाा” किवाकिभान्न �ल्यााण�ा�ी यांजा�ाओंं सं �न्द्ीया रि�जावा पकिलसं बल � सं�स्‍ यांं � परि�वाा�ंं �ं संशी� ब�ाती है संार्थ हैी
                                                                                 े
                                                                                                        ै
                                                                                           ै
                                       ं
                                                                                   ि
                            े
                                                                                              ु
                                                  ु
                                                                                               े
                                                     ि
                                               े
                                                                                                            ि
                   स्वाप्रयाासंंं सं वाी��ारि�यांं एवा कि�व्यागंं � प�वाासं � किलए भाी किवाकिभान्न �ल्यााण�ा�ी �ाया �� �हैी है। मुझे याहै जाा��� गवा �ी
                                            ं
                                                        े
                   अ�भाकित हुई है कि� भाा�त सं��ा� द्वाा�ा चलाए जाा �है किवाकिभान्न अकिभायाा�ंं जासं स्वाच्छता, वाक्षा�ंपण, मुकिहैला संशीखि���ण, ब�ी
                                                                         ै
                                                                           े
                                                          े
                      ु
                                                                                                             े
                                                                                    ृ
                              ै
                       ू
                                                                                        े
                          े
                   बचाओं ब�ी पढ़ााओं इत्यंाकि� अकिभायाा�ंं मु भाी “�ावाा” �  बढ़ा-चढ़ा�� किहैस्साा किलयाा है तर्था बल � परि�वाा�ंं �ं इ� अकिभायाा�ंं मु  ं
                                                                                ै
                                                           े
                                                 ं
                          ं
                                       े
                   प्रत्यंक्ष एवा अप्रत्यंक्ष रूप सं संकिक्रया भाागी�ा� ब�ायाा है।
                                                          ै
                                 े
                                                                                                े
                                                                             ै
                         े
                                     ै
                                                            े
                                                                                                         े
                                                                                  ं
                                             े
                                                                                    े
                                                                                        े
                   �ावाा � संौजान्य सं अप्रल 2023 सं ए� स्थााई आउ�ल� स्‍ र्थाकिपत कि�याा गयाा है किजासंमु �शी � किवाकिभान्न क्ष�ीया �ावाा �न्द्ंं प�
                                                                                      ं
                                                                  ै
                                                                                                      ि
                   कि�वाासं�त मुकिहैलाओंं द्वाा�ा कि�किमुत संामुा�ंं �ी किबक्री �ी जाा �हैी है। �ावाा बल � शीहैी�, कि�वागत तर्था संवाा�त �ाकिमु�ंं � बच्चोंं
                                                                                                          े
                                                                            े
                                                                                             े
                                          ि
                                                                      ि
                                                                                              े
                   �ं उच्चोत� किशीक्षा प्राप्त ��� मु संहैायाता प्र�ा� ��� �ा प�ीत �ाया �� �हैी है। इसं� संार्थ हैी बल � ऑकि�खि�� बच्चोंं �ं
                                                          े
                                          ं
                                                                                   े
                                         े
                                                               ु
                                                                              ै
                                     ु
                                                                                             ं
                                                                          े
                   संहैायाता ��� � किलए ग्रप �द्र किपजाौ� मु “आ�ाशी” हैब स्थााकिपत ��, इसं� मुाध्यमु सं बच्चोंं �ी �ाउकिसंकिलग ��वााई जाा �हैी
                                                                                                  ं
                              े
                               े
                                            ं
                                                 ं
                                        ं
                                                                                  े
                                            ु
                    ै
                                                                           े
                   है। कि�व्याग बच्चोंं �ं �ावाा �ी “मुस्‍ �ा� � स्मााइल” यांजा�ा � तहैत व्‍ हैील चया� �ा किवात�ण कि�याा जाा �हैा है। बच्चोंं �ं बहैत�
                                                                                                  ै
                                                                                                           े
                          ं
                                                                े
                                    े
                   उच्‍ च किशीक्षा प्र�ा� ��� � किलए �शी � प्रकितकि�त 45 किशीक्षण संस्‍ र्था�ंं � संार्थ 1069 संी�ंं प� कि�:शील्‍ � तर्था रि�याायाती �ाखिखुला
                                                                                           ु
                                                                       े
                                            े
                                                                 ं
                                               े
                                      े
                   �� � किलए संमुझेौता  कि�याा गयाा है। कि�:सं�है ऐसंी अ�ंखुी पहैल एवा �या-�या �ल्यााणंन्मखुी  �ायाक्रमु इसं बल � सं�स्योंं एवा  ं
                                                                                           ि
                                                                                                     े
                                                                     ं
                      े
                       े
                                                                        े
                                             ै
                    े
                                                   े
                                                  ं
                                                                                    ु
                                                                           े
                                                                                          ं
                                                             े
                                                                  ं
                       े
                                                     ि
                   उ�� परि�वाा� �ी मुकिहैलाओंं वा बच्चोंं �ं आकिर्थ� रूप सं स्वाावालबी ब�ा� मु संहैाया� किसंद्धा हुए है।
                                                                         े
                                                                           ं
                                                                                                              े
                                           े
                   “�ावाा” �ी पकि��ा “संाकि�ध्य” � इसं संस्‍ र्था �ी �ल्यााण�ा�ी गकितकिवाकिधैयांं �ा संजाीवा किच�ण तं कि�याा हैी है संार्थ हैी बल �
                                                                                                  ै
                                                ं
                                                                16
   11   12   13   14   15   16   17   18   19   20   21