Page 97 - Sanidhya 2024
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केावाा के अ�गड� केरााया जाने वाालाे केायाडक्रमां
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केी आवाश्याके�ा क्यां?
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किजासं त�है सं ए� मुजाबत आकिर्थ� खिस्थाकित कि�संी भाी परि�वाा�, संस्थाा एवा �शी �ं मुजाबत ब�ाती है, ठी� उसंी त�है
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सं परि�वाा� � सं�स्योंं (खुासं�� पकित-पत्नीी) �ी मुा�किसं� खिस्थाकित कि�संी भाी परि�वाा� मु संतल� ब�ाया �खु� मु �ीड़ी �ी हैड्डीी �ी
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त�है �ामु ��ती है, इसंकिलए मुा�किसं� खिस्थाकित �ं पारि�वाारि�� संतल� �ी धै�ी भाी �है सं�त है। ए� संतकिलत परि�वाा� सं�वा
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संखु- शीाकित औ� संमुखिद्धा � �ास्तु चलता है तर्था बच्चो भाी अप� �रि�या� मु भा�प� संफलता प्राप्त �� सं�त है। ं
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�न्द्ीया रि�जावा पकिलसं बल �ा ए� जावाा� �शी �ा जावाा�, हैं� � संार्थ-संार्थ, ए� प�, पकित, किपता तर्था है� ए�
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संामुाकिजा� रि�श्तंं � संार्थ, �है� �ं तं जाड़ीा �हैता है मुग� संहैी मुाया� मु भाा�त � किवाकिभान्न वाामुपर्थी, उग्रवाा� प्रभााकिवात �ाज्यंं सिंसोपुाही/�ी0 डोी0 (मसिंहला)
बाबाीना बारुआ
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वा संवा��शीील क्ष�ंं जासं- जाम्मा- �श्मीी� , छुत्तीसंगढ़ा, पवाोत्त� आकि� क्ष�ंं मु त�ाती � �ौ�ा� � चाहैत हुए भाी इ� संभाी रि�श्तंं
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सं उसं मु�ंसंामुाकिजा� �रि�याा ब�ा�ी पड़ीती है। अब �सं� पहैलओंं �ं �खु तं ज्या�ात� इ� परि�वाा�ंं मु मुकिहैलाए �ाकिबकिलयात �है� � बावाजा� भाी
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अप� बच्चोंं औ� मुाता-किपता �ी किजाम्मा�ारि�यांं �ा कि�वाहै� ��� � �ा�ण, � चाहैत हुए भाी ग� पशीवा� �है जााती है। उ� मुकिहैलाओंं � किलए उपलखिब्ध
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�ी भाावा�ा प�ा ���ा औ� उ�मु प्रब��ीया �ौशील किवा�किसंत ��� � उप� �ामु ��� � किलए “संार्थ� संहैयांग संवा�ा” �ामु� आ�शी वााक्य
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� संार्थ 22 जा�, 1995 �ं “�ावाा” ए� ग� लाभा�ा�ी संस्थाा/ए�0जाी0ओं0 � रूप मु उभा��� आयाा। 29 वा�ीया अ�भावा � संार्थ याहै संस्थाा �न्द्ीया
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रि�जावा पकिलसं बल � हैजाा�ंं परि�वाा�ंं �ी मुकिहैलाओंं औ� बच्चोंं �ं ए� स्वास्था मु�ंसंामुाकिजा� वाातावा�ण �� मु बहै� संफल �हैी है। �ावाा अप�ी
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वााकि�� गकितकिवाकिधैयांं � तहैत खु� सं वा संामुान्य उद्देश्य वााल अन्य संगठ�ंं औ� भाा�त सं��ा� � किवाकिभान्न मु�ालयांं जासं मुा�वा संसंाधै� किवा�ासं
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मु�ालया आकि� � किवाभाागंं � संार्थ संहैयांग सं �ामु �� �हैी है तर्था किवात्तीया संहैायाता भाी प्राप्त ��ती है ताकि� बल मु संवाा�त वा संवााकि�वात्त �ाकिमु�ंं
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औ� उ�� परि�वाा�ंं � किलए शीक्षकिण�/व्यावासंाकिया� �ौशील � किवा�ासं, प्रकिशीक्षणंं �ी संकिवाधैा � किलए औ� ज्या�ा �ामु �� सं�। इसं� अलावाा
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�ावाा, वाी� �ारि�यांं, शीा�ीरि�� औ� मुा�किसं� रूप सं कि�व्याग बच्चोंं � किलए भाी किवाकिभान्न �ल्यााण�ा�ी यांजा�ाओंं �ं अजाामु �ती है। ै
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मु इसं लखु � मुाध्यमु सं �ावाा � अतगत आ� वााल है� ए� परि�वाा� �ी संभाी मुकिहैलाओंं औ� बच्चो सं इसं�ी है� गकितकिवाकिधैयांं मु शीाकिमुल
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हैं�� अप� पारि�वाारि�� किवा�ासं �ं बढ़ाावाा �� �ा आग्रहै ��ती हूँ।
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