Page 87 - Sanidhya_2024
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सगी� मां �ाला केा माहीत्वा
                                                ं
                                    ृ
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                               सगीत ईश्वारा काी उत्कृष्ट् कालाकाहित �। सतत प्रवाा�माना, पहिवा�,   प�ली  मा�ा  परा  ठा�राावा  का  साथ  �ोरा  स  े
                        ं
              पावाना, सरास एवा सजीनाात्मका। सगीत काी उत्पाहित्त सहिष्ट् का साथ �ी �ो �काी   आघात  काी जीाती � या यों  का� बजीाई  जीाती
                                                                                       ं
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                                                                                       ै
              थी। वास्तत�  प्रकाहित  म हिछूप अभतपवा सौन्दयात्मका तत्त् , मनाष्य काो स्वीत�    �, हिजीसस य�  आभास �ोता � हिका य�ा स  े
                                                                                            ं
              �ी अपनाी ओंरा आकाहिर्षत कारात � ,औरा इसी आकार्षण ना काला काो जीन्म   ताल काी शुरुआत �ो रा�ी �। इस आराहिभका
                                   े
                                                     े
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              हिदेया।  म�ाना हिवा�ाराका अरास्त ना भी का�ा �-      स्थााना या प�ली मा�ा काो सम का�त �। सम
                                                                       ं
                                                                                 ं
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                                ”प्रकासिंती काा अनसो�णी ही काला ह।”   काो  सागीहितका  भार्षा  म    ‘X’  हि�न्हे  का  द्वााराा
                                                                                     व
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                                लहिलत कालाओंं म सवााहि�का म�त्त् सगीत काो �ी हिदेया गया �।   देशुात �। �रा खडो का अतगत �ारा मा�ाओं   श्रीीमतीी नसिंलनी प्रभाा,
                                  ं
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                                                                                         ं
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              सगीत गायना ,वाादेना एवा नात्य इना तीनाों हिवा�ाओंं काी हि�वाणी  �, हिकान्तु एका   काा समावाशु �ोता �, हिजीनाका हिलए सागीहितका  पत्नीी श्रीी संजीय काु मारा हिसं�,उप म�ाहिनाराीक्षाका
                                ृ
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                                                                       ं
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              सत्य य� भी � हिका इना तीनाों हिवा�ाओंं काा सगीत का अतगत पारास्परिराका सब�   भार्षा  म  नाा  ,हि�ना  ,हि�ना  ,नाा  शुब्दीोच्चोारा  स  े  ु  े  े  ु  ं  ु
                                                                     े
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              भी �। �ालाहिका प्रत्यका काा अपनाा हिनाजीी अन्धिस्तत्व भी �। य तीनाों काला अपनाी   कारात �। सम का हिनाशुाना (X) काो  प�ली
                                                                       े
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              अपनाी सीमाओंं म स्वीत� रूप स हिवाकाहिसत भी हुई औरा �ो भी रा�ी �। हिकान्तु  ु  मा�ा का शुीर्ष परा अहिकात हिकाया जीाता �।  देसरा खडो काी शुरूआत पा�वाी
                                   े
                                                                               े
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                                                                                                े
                                                                                                                  व
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                                                                                                        े
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                                                ं
              जीब य तीनाों हिवा�ाए सन्धिम्माहिलत �ोकारा प्रकाटे �ोती � तो सगीत काा �मत्कृारा   मा�ा स �ोगी हिजीसका शुीर्ष परा 2 अका हिलखग।  अत�  देसरा खडो काो देशुाना  े
                                                                                                           ू
                                                                                               ं
                                                                                             े
                                                                          ं
                                                                   े
                                                                                        ं
                                                                                       े
                                                                                                             े
                                                                                                  े
                                                                                     े
                                                                                                               ं
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                                    ु
              अवाणनाीय रूप स हिनाखराकारा प्रस्तत �ोता �। सगीत काी प्रस्तहित म ताल काा   का हिलए 2 अका काा हिनाशुाना  देत �। प�ल खडो का समाना �ी देसरा खडो काी
                                           ै
                  व
                                                                                     े
                                                                                 े
                                                                                               े
                                                                                       �
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                                                                                                   व
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                                               े
              स�योग अत्यत म�त्वपण � या यों का� हिका ताल का हिबनाा ना तो गायना, वाादेना   शुरूआत काो देशुाना का हिलय पा�वाीं मा�ा का शुीर्ष परा अका-2 हिलखा जीाता
                                       ं
                             ू
                               व
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                       ं
                                                                   ै
                                                                          ं
                                                                                                    ै
                                                                                                        व
                                                                                                            ं
                                                                        े
                                                                             व
                                                                                                 े
                   व
                  ू
                            व
              काो पण रूप स  देशुाया जीा सकाता � औरा ना �ी नात्य-काला काो आन्धिखरा क्योों   �। इसका अतगत भी �ारा मा�ाओंं काा समावाशु �। अथात पा�वाी, छूठाी,
                                      ै
                        े
                                               ृ
                                                                                               ं
                                                                                          े
                                                                                                                  े
                                                                                                               ं
                                                                                                         ं
                                                                                                             े
              ?                                                                                                                                                तो   सातवाीं औरा आठावाीं मा�ा तका। इस भी सागीहितका भार्षा म प�ल खडो का
                                                                                             ं
                   ै
                                                              ं
                                               ै
              उत्तरा � हिका ताल एका आ�ारा काा हिनामाण काराता �, हिजीस �म नाीवा का�त �।   सामाना  �ी  उच्चोाराण  कारात  े  � :--
                                                   े
                                       व
                                                             े
                               व
              य�  एका  परिराहि�  काा  हिनामाण  काराता  �  ै                                                   नाा,हि�ना ,हि�ना ,नाा। हिकान्तु  ु
                                ं
                                   ृ
              ,हिजीस परा गायना, वाादेना  एवा  नात्य एका                                     नावाीं मा�ा, जीो’ तीना-ताल‘ काा मध्य
                                                                                                       े
                                                                                                            �
                                                                                                 ै
                                                                                                             ु
                                                                                                   े
              परिरा�मा  काो  कााल्पहिनाका  रूप  स  े                                         स्थााना �, का आना परा, अगहिलयों काी
                                                                                                           ै
              म�सस कारा औरा आ�ारा मानाकारा काला                                              �ाल बदेल देी जीाती �। य� स्थााना
                  ू
                                                                                                         ं
                                                                                                      ै
                                                                                                   ं
                                                                                                                  ू
                  ृ
                             व
              काा  सजीनाात्मका  प्रदेशुना  कारा  पात  �।                                     तीसराा खडो � एवा एका म�त्वपण  व
                                     े
                                       ं
                                                                                                    ै
                               व
                                      ं
                                    ं
              जीब �म ताल काी परिरा��ा कारा रा� � तो                                          पड़ावा  �,  नावाीं  मा�ा  काो
                                                                                                                  ु
                                                                                                          े
                                                                                                             े
              य� भी जीानानाा आवाश्यका � काी ताल काो                                          प्रभावाकााराी  तराीका  स  प्रस्तत
                                ै
                                                                                                          ं
                                                                                                     ं
                 व
                  े
                    े
              देशुाना  का  हिलए  हिजीना  ताल  वााद्यों  काा                                   कारानाा अत्यत राोमा�कााराी प्रतीत
                                                                                                   ै
                                                                                                          ं
              हि�देस्तानाी शुास्त्ीय सगीत म प्रयोग हिकाया                                     �ोता  �।  इस  खडो  काो  (मध्य
                                 ं
                ं
                 ु
                            ं
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                                                                                                            े
                   ै
                       ं
              जीाता � ,उनाम प्रमख वााद्य तबला, मदेगम,                                         स्थााना)’  खाली  ‘का�त  �।  जीग�
                                     ृ
                          ु
                                      ं
                                         े
              पग,  ढोोलका,  घटेकाम  आहिदे  �  ,हिजीनाका                                       परा  अलग  औरा  �ीमी  आवाा�
                                   ै
               ुं
                                                                                                 े
              मख काा आकारा प्राय�  काटेोराानामा �ोता �।                                       आना परा य� ए�सास �ो जीाता
               ु
                                         ै
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                                                                                                ै
                                                                                                                 ु
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                              े
              अहि�कााशु  ताल  वााद्यों  का  मख  परा  �मड़  े                                   � हिका य� मध्य स्थााना आ �काा
                                                                                                ै
                                                                                                        ं
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              काी  �ादेरा  मढ़ी  जीाती  �,  हिजीस  सागीहितका                                   �,  इसका  अतगत  हिजीना  �ारा
                              ै
                                   े
                                     ं
                                                                                                            े
                                                                                                               ै
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                                     े
              भार्षा  म  पड़ी    का�त  �,  हिजीसका  ऊपरा                                       मा�ाओंं  काा  समावाशु  �  ,नावाीं
                         े
                                         ै
                           ं
              गोलाकाारा  कााल राग काी स्या�ी बनाती �।                                          ,देसवाीं,  ग्यारावाीं  औरा  बारा�वाीं;
                                                                                                                  े
                                                                                                          े
                                                                                        ं
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                                                                                      े
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                                े
              उना परा अगहिलयों औरा �थहिलयों का आघात   स  े  ध्वहिना   उन्हे इस प्रकाारा उच्चोाराण कारात � - नाा, हितना, हितना,नाा। हिलखत समय नावाीं का
                                     े
                     �
                                                                                         ं
                                                                                                      ै
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                                                                                                                ं
                                         व
              उत्पान्नो काी जीाती �, हिजीसस ताल काा हिनामाण �ोता �।  शुीर्ष परा’ शुन्य ‘(0) काा हिनाशुाना अहिकात हिकाया जीाता �। �ौथा औरा अहितम
                               े
                                               ै
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                                                                  खडो 13वाीं मा�ा स शुरू �ोती �। तरा�वाीं,�ौदे�वाीं ,पद्री�वाीं औरा  सोलवाीं
                                                                                 ु
                                                                                        ै
                                                                               े
                                                                                          े
                                                                   ं
                       ै
               तीाल क्याा ह ?
                                                                                             े
                                                                                       े
                                                                            े
                                                                                                                व
                                                                                                      े
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                                                                                      े
                                                                              ं
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                             य� एका आ�ाराभत प्रश्न �। साथ �ी इसकाी परिरा�मा कास �ोती   मा�ा।इस �ौथ खडो काो देशुाना का हिलए तरा�वाीं मा�ा का ऊपरा या शुीर्ष परा’
                                                            े
                                                                                ै
                                                                     ं
                                                                                                     े
                                                                                                             ं
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              � ? तो सराल भार्षा म का�ा जीा सकाता � हिका हिजीस  प्रकाारा �म समय काो घटे,   3’अका हिलखा जीाता �। यहिदे आपकाा प्रश्न � हिका �ौथ खडो परा अका 3 क्योों
                                                                                                                ै
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                                                   े
              हिमनाटे या सकाण्ड  म हिवाभाहिजीत कारात � ,वा हिदेखाई ना�ीं देत परा �म म�सस   हिलखा गया ,तो ऐसा इसहिलए क्योोहिका नावाीं मा�ा जीो खाली का�लाता � ,परा
                                                              ू
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                   ं
                  े
              कारात �। जीस सकाण्ड काी सई हिटेका-हिटेका आवाा� काराती � , उसकाी आवाा�   ताली ना�ीं बजीायी जीाती � इसहिलए �ौथ खडो काो तीसराी ताली भी का�त �। ं
                                 ू
                         े
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                                              े
              बदे कारा देी जीाए औरा उसकाी �ाल काो �म अपना �ाथों द्वााराा अदेा� काराका
                                                        ं
                                                               े
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                                                                                                    ृ
                                                                                                                  व
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                                                              व
                                      ं
                                 व
              स्वीत�  आवाा� उत्पान्नोकारा देशुाना लग तो य� एका प्रकाारा स ताल काा हिनामाण                          इस प्रकाारा इना सोल� मा�ाओंं काी श्रीखला काो एका आवातना
                                                    े
                                                                      े
                                                                       ै
                                                                           े
                                                                                                            व
                                                                                                                 े
                                                          े
                                                            ै
              हुआ यानाी समाना अतरााल परा ध्वहिना उत्त्पन्नो कारानाा ताल उत्पान्नो काराना जीसा �  ै  का�त �। इस आ�ारा मानाकारा कालाकाारा अपनाी काला काा प्रदेशुना कारात �  ं
                           ं
                                                                           ं
                                                                         ं
                                                                                                                ं
                                                                                                ै
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                                                           ु
              तो  आन्धिखरा  इसका  हिकातना  आवातना  (हिकातनाी  बारा)  �ों।  य�  प्रश्न  हि�देस्तानाी   तथा इसम बा� कारा अपनाी गहित तथा अपनाी तयाराी द्वााराा श्रीोता काा मनाोराजीना
                                    व
                                                                     े
                                                                       ं
                                                                                                                  ै
                                                                                               ु
              शुास्त्ीय सगीत म अत्यहि�का म�त्वपण � क्योोंहिका इन्हेीं सक्षाम तथ्योों परा ताल   कारात �। ताल काी गहित कालाकाारा काी इच्छीानासारा बढ़ाई या घटेाई जीाती �।
                                            कि
                                                   ू
                     ं
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                                       व
                                                                                                  ै
                     े
              काी रूप-राखा काा हिनामाण �ोता �। ताल काो सम�ना का हिलए म  प्रायोहिगका   ताल कालाकाारा काो आ�ारा तो प्रदेाना काराता �ी � साथ �ी कालाकाारा अपनाी
                                                        ं
                                    ै
                                                  े
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                                                                                                         व
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                                                                       ै
                                                                                  े
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                                                              ं
              रूप स तीना ताल काा उदे�ाराण प्रस्तत कारा रा�ी हूँ। इन्हे इस प्रकाारा सम�।      गहित, तयाराी औरा ताल का सवााल-जीवााब जीस �मत्कृाराी प्रदेशुना कारा श्रीोताओंं
                   े
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                                                                                               े
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                                             व
              सोल� बारा आघात काराना परा तीना ताल काा हिनामाण �ोता �। सागीहितका भार्षा   काो म�मग्ध औरा प्रसन्नो कारा पात �। ताल का स�योग स गायना,वाादेना औरा
                                                                              ं
                                                                   ृ
                                                                           ु
                                                                                                            ं
                  े
                                        ै
              म प्रत्यका आघात काो मा�ा का�ा जीाता �। इना सोल� मा�ाओं काो �ारा खण्डों   नात्य काी प्रस्तहित म खालीपना ना�ीं रा�ता बन्धिल्क ठा�राावा औरा जीीवातता आती
               ं
                                                                                            ं
                                                                   ै
                                                                            ं
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              म हिवाभाहिजीत हिकाया जीाता �। प्रत्यका खडो काो बजीाना का हिलए या आघात काराना  े  �। अत�  ताल सगीत काा अहिभन्नो अग एवा आ�ारा �। ै
               ं
                                       ं
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                      ु
                     �
              का हिलए अगहिलयों काी  अलग �ाल औरा अलग वाजीना  �ोता �। प�ल खडो का
               े
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