Page 3 - Guna Gowshala
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                                                                                                         े
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              वम   क पो ट  स  मिलत  ह।  गौशाला  म  बोरवेल,  पानी  क   टक ,  चैफ  कटर  हत
                                                                                                           ु
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                         ृ
              सहयोग क ष  वभाग क  रा    य क ष  वकास योजना (आर.क. ह .वाई.) अंतग त
                                                                                      े
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                                                                      े

               कया जा रहा ह। गौशाला म  व ुत  यव था क िलए  . 3 लाख 25 हजार स
                                                                                               ृ
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              अिधक क  ा कलन होने पर उनम  सौर उजा  का  ावधान भी रा    य क ष  वकास
              योजना (आर.क. ह .वाई.) अंतग त कराया गया ह।
                                                                    ै
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                       वत मान म  योजना अंतग त  दश म    व सहायता समूह क मा  यम स भी
                                                                                                       े
                                                                                         े
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              डयर   वकास हत  100 स  कम  गौवंश  क िलय लघु  गौशाला भी 25  अथवा 50
                                                   े
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              अथवा 75 दु  ध उ  पादक पशु हत िनिम त  कय जाने का  ावधान  कया गया ह,
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              अथा त छोट   तर पर भी गौशालाओं का िनमा ण  कया जा रहा ह।
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                       गौशालाओं क   वशािसत होन हत रा य सरकार  ारा  यास  कए जा रह
                                                                                                      ै
               ह,  इस   यास  म  इन  गौशालाओं  को   वसहायता  समूह  स  जोड़ा  गया  ह  एवं


                                                                                     े
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               समूह   क  मा  यम  स  गौवंश   ारा   ा  त  गोबर,  गौमू   से   विभ न   कार  क
                                                                                                           े
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                          ै
               उ पाद तयार  कये जाकर गौशालाओं को   वशािसत  कये जान क  काय  योजना
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               ह।
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                       गौशालाओं से  ा  त गोबर से गौका  ठ का उ पादन  कया जा रहा ह,  जस
              जलाऊ लकड़  क  थान पर सफलता से उपयोग  कया जा रहा ह। इसका उपयोग
                                                                                        ै
                                े
              होिलका दहन,  ट भ ट तथा शमशान घाट पर  कया जा रहा ह।
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                                                                                     ै
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                                                                       ै
                       गोबर से गमल  का उ पादन भी हो रहा ह। ये गमल पारप रक िम  ट  क
                                                                                                े


                                                                                                       े
               गमल   से   यादा  उपयोगी  ह।  गोबर  से  पौध   को  पोषक  त व  िमलत  रहत  ह।
                                                                                          ै
               गोबर  से  हवन  साम ी  तथा  अगरब ी  का  िनमा ण  हो  रहा  ह।  यह  साम ी
               पारप रक  प से होन वाल हवन इ या द म उपयोग होती ह।
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                                        ै
                       गोबर से बायोगस बनाई जा रह  ह। इस बायोगैस से  धन क  सम या का
                                                                े
               समाधान होता ह। गौशाला म से िनकलन वाले गोबर-गौमू  से का पो ट खाद
                                  ै

               एवं जै वक खाद का िनमा ण  कया जाता ह। यह खाद जै वक खेती क िलए बहत
                                                                ै
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               उपयोगी होती ह।
                                 ै
                       गौशालाओं म  गौमू  से ज वक क ट िनयं क, गोबर से म छर भगान क
                                                                                                       े
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               अगरब ी,   फनाईल,  दत  मंजन,  साबुन  आ द  तयार   कए  जा  रह  ह।  गोबर  स
                                                                                                           े
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               सजावट  सामान बनाने तथा उपयोग का चलन भी तजी से बढ़ रहा ह।
                                                                                              ै
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