Page 52 - Digital Magzine
P. 52
ARTICLES & POEMS
स्वच्छ भारत, �े� भारत
स्वच्छ भारत के �णेता महात्मा गांधीजी और �े� भारत
े
के उपासक लाल बहादुर शा�ीजी के मूल्य� को लेकर हमार
े
�धानमं�ी �ी नर�� मोदीजी ने जो शु�आत क� है, उसक िलए
हम� एक �दन नह� बिल्क ३६५ �दन भारत को स्वच्छ बनाने
ं
हेतु िनरतर �यासरत रहना होगा।
े
गीता म� कहा गया है, जैसा आचरण हमार �े� लोग करते
े
ह�, उसक� �रणा से वैसा आचरण अन्य लोग करते ह�। महात्मा
गांधीजी और लाल बहादुर शा�ी जी दोन� �े� आचरण के
उत्कृ� आदशर् रहे ह�।
े
सन् १९३६ क� बात है। गांधीजी वधार् के सेवा�ाम चल
गए। वहाँ रहकर उन्ह�ने आसपास के �ामीण लोग� से सम्पकर्
साधना शु� �कया। वे िनयिमत �प से िनकटवत� गांव� म�
ू
ं
जाकर, लोग� को स्वच्छता का मह�व समझाते, स्वय झाड लेकर
गली-कूच� क� सफाई करते तथा गरीब गंदे ब�� को �ान कराते।
सभी को स्वच्छता का पाठ पढ़ाने का यह �म महीन� तक
चलता रहा।
यह सब करने पर भी कोई प�रणाम िनकलता न देख, एक
कायर्कतार् ने कहा – बापू आप इन सभी को स्वच्छता के बारे
ं
म� समझाते हो, स्वय सफाई तक करते हो पर इसका इन पर
कोई �भाव नह� पड़ता है। परंतु आप क्य� तन्मय होकर इस
कायर् म� जुड़े हो? बापू ने कहा –
“उ�वल भारत का सपना,
स्वच्छ वातावरण हो अपना,
स्वच्छ िवचार� का �ितपादन
तभी होता है,
जब हम स्वच्छ वातावरण,
म� िवचरण करते ह�।”