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सोशल मीिडया का चक्रव्यूह
सो शल मीिडया एक अपरपरागत मीिडया है, जो बाकी म बदलाव, साइबर अपराध, बच्च क पर्ित लगातार बढ़ता
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दबाब और एक पर्भावशाली पर्ोफाइल यवा को बड़े पमाने
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सार मीिडया से अलग है। सोशल मीिडया इटरनेट
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क माध्यम से एक वचअल वल्डर् बनाता है िजसे पर पर्भािवत कर रही है।
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उपयोग करने वाला िक्त सोशल मीिडया क िकसी प्लटफॉमर्
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(फशबक, िट्वटर,इस्टागर्ाम) आिद का उपयोग कर अपनी 26 जनवरी 2020 को रीिलज हुई 93 िमनट लंबी जफ
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पहुँच बना सकता है। ऑलोस्कीक िनद शन म बनी डॉक्यूमटर्ी िफल्म द सोशल िडलेमा
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सोशल मीिडया क डाक साइड को पूर खुलपन से सामने रखती
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वतर्मान समय म सोशल मीिडया िजंदगी का एक अहम िहस्सा है। यह िफल्म तकनीक की लत, सामािजक इजीिनयिरग और
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बन चका है इसक बहुत सार फीचर ह जसे िक सूचनाए पर्दान सिवर्लास पूजीवाद पर किदर्त है। दजन भर से ज्यादा लोग जो
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करना, मनोरजन करना और िशिक्षत करना आिद मख्य रूप सोशल मीिडया को बनाने क पीछ ह व बताते ह िक कसे सोशल
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से शािमल है । सोशल मीिडया एक िवशाल नेटवक है जो िक मीिडया प्लटफॉमर्, िजस उ श्य से बनाया गया था अपना मतलब
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सार संसार को जोड़े रखता है, यह सचार का एक बहुत अच्छा ही बदल चक ह । हमम से ज्यादातर लोग के िलए इंटरनेट,
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माध्यम है। गगल,इमल और
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सोशल मीिडया तक
िजस पर्कार एक ही ही सीिमत है। दूसर े
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िसक्क क दो पहल ू शब्द म इस िफल्म
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होते ह अथात क संदेश को सही
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िकसी भी चीज क तरीक से समझने
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नकारात्मक एवं और आत्मसात
सकारात्मक दोन करने क िलए हम
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ही पहल होते ह ही खुद क िलए
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ठीक उसी पर्कार यह िजम्मदारी
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सोशल मीिडया क लनी होगी िक हम
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भी कई पर्कार क उपभोक्ता बने या
सकारात्मक और उपभोग की वस्तु।
नकारात्मक पर्भाव
ह । सोशल मीिडया हम सब जानते ह
का पर्योग अच्छ े िक “Science is a
काय क िलए तो good slave but
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िकया ही जाता है, a bad master” ।
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लिकन धीर-धीर इसका पर्योग गलत काय को करने क िलए चिक सोशल मीिडया भी िवज्ञान का ही एक िहस्सा है इसिलए
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ज्यादा िकया जा रहा है। इसका उपयोग भी हम अपने िवकास क सहायक क रूप म
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ही करना चािहए ना िक इसक गलाम क रूप म। हम ई र
सोशल मीिडया ारा फलायी गई सूचनाए समाज म सबसे पर्द अपन िववक-बि का सहारा लेकर जो हमार मानिसक
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ज्यादा पर्भाव डालती है। लोग सूचना तथा खबर की स्वास्थ्य क िलए उपयोगी है उसे अपनाकर बाकी चीज से
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सत्यता पर ध्यान िदए बगैर फॉरवडर्, लाइक इत्यािद करत े पीछा छड़ा सक, तभी इसक चकर् ह से बच सकत ह । हम
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रहते ह , जो जगल म लगी आग की तरह फल जाती है, िजसक अजन की तरह इस चकर् ह क तोड़ को समझना होगा अन्यथा
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गभीर और भयकर पिरणाम हम िपछली कछ घटना की असहाय अिभमन्यू की भाँित इस चकर् ह क जाल म उलझकर
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पिरणित क रूप म देखने को िमलते ह । अपना अंितम समय देखना पड़ेगा।
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िव आिथक मच की एक िरपोट क अनुसार सोशल मीिडया
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क जिरए झठी सूचना का पर्सार उभरते जोिखम म से एक है।
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यकीनन यह िकसी भी देश की पर्गित की राह म रूकावट है। सहाना मुखज
कई भौितकवािदय का मानना है िक सोशल मीिडया लोग
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म अवसाद और िचता क पर्सार का एक सबसे बड़ा कारण कक्षा -12
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है। सोशल मीिडया क अत्यिधक पर्योग से सोने की आदत
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