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नारी का अपमान या स मान

                                                     कनोई 10/11

                                             े
                                               ं
            आजकल  व  भर म म हलाएँ प ष  क कध स क ा  मलकर चलती आ रही  ह | अलग -अलग     म वह

                                       ु
                                                                                ै
                                                                                                े
                                                    े

                                                 े
            उ  त कर रही ह,  ःख क  बात यह ह  क हमार दश म अब भी म हला  को प ष  जसा स मान नह  दत ह |
                                                     े

                                                                              ु
                                           ै

                                                   े

                                                                                                    े
                                                                                                  े
                                                                                    ै

            एक तरफ तो व म दर म जाकर मा  गा क  पजा करत ह, तो  सरी तरफ अपन घर क  ल मी का आदर करना

                                                  ू
                         े
                           ं

                                        ँ
                                                         े
                                                                              े
            भल जात ह |

             ू
                    े
                                          े
                                                                े
                                                                                   ै
                                 ू
            आज भी कई गाव  म  ण ह या क  प म बट  को पदा होत ही मार  दया जाता ह |  जस दश म क पना
                                                   े

                                                          ै

                          ँ

                    ै
                                                      े

            चावला जसी मह   ी का ज म  आ, आज उसी दश म छोट  ब  य  का बला कार  कया जाता ह | उसी दश
                                                                                              ै
                          ँ
                                                                                                      े
                                                   े
            म कछ लोग अपनी प  नय  को मारत – पीटत ह | इस यग म अब भी कछ लोग यह मानत ह  क ब टय  को

                                                                                         े
                                                                         ु
                                                                                                 े

                                                             ु
               ु


                                           े
            पढ़ा –  लखाकर कोई फ़ायदा नह  ह  य  क उनको च हा चौका ही सभालना ह |
                                                                     ं
                                          ै
                                                        ू
                                                                             ै
              हमारी सरकार लड़ कय  क   त हो रह इस अ याय क  खलाफ़ कई कदम उठा रही ह जस – “बट  पढ़ाओ,
                                   े
                                                                                         े
                                                          े
                                                                                              े
                                                                                     ै
                                                                                        ै
                                              े
                                                                             ु
             े
            बट  बचाओ” आ दोलन आ द | कई द तर अपनी म हला कमचा रय  को प ष कमचा रय  क  अप ा कम
                                                                                                 े


            वतन दत ह |
                   े

                  े
             े
                                                                      ै
                                                                                  े

                                    ै
                                                                          े
              यह बड़ सौभा य क  बात ह  क लोग  म अब जाग कता जग रही ह | व अपनी ब टय  को पढ़ाना श   कए
                   े
                                                                                                 ु
                                                                                             े
                                                       े
                                                                               े

            ह  य  क उ ह न यह महसस  कया  क एक ब  क सही च र   नमाण  और दश को एक  ज मदार नाग रक

                          े
                                                     े
                                  ू
            दन क  लए लड़ कय  का पढना ज़ री ह | लड़ कया  श ा  ा त कर आ म नभर भी हो रही ह |
             े
                                                        ँ
                                                                                          ै
              े
                                              ै

                े
                अब  सरकार  क  साथ  –साथ  लोग   को  भी  चा हए   क  व  लड़ कय   क   लए  एक  सर  त  और  खशहाल
                                                                                                  ु
                                                                                      ु
                                                                          े
                           े
                                                               े
                                                             े

                                            े
            वातावरण  दान कर |  न  त  प स हमारा दश  ग त क पथ पर अ सर ह पर ना रय  क स मान का  यान
                                                                                        े
                                                                             ै
                                                   े
            रखना  थम आव यक काय ह |
                                     ै

                                                                                                     ुं

                                                                         े
                                                                                      ै
                                  ु
             आज हम सभी को एकजट होकर असमानता क  जड़ को उखाड़ फकन क  ज़ रत ह, तभी यहा एक सदर
                                                                                               ँ
            समाज क  रचना हो पाएगी |
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