Page 64 - Copy of EC-Department Magazine 2019-20
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त हार य मान लेता ह ??
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या ह वो, जो तुझ कछ नया करन स रोक लेता ह ?
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याद ह वो ज़माना जो तून वजेता बनक काटा ह?
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फर य अब हाथ पर हाथ रख बैठा ह ?
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त मायूस य ह?
ऐसा तो अ र होता ह ।
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तेर पास खोन क लए ह ही या, जो त दन भर रोता ह ?
यो ा तब तक हारा आ नह होता ह, जब तक वो ज़ दा
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होता ह ै
हर बार कवल जतना ज़ री नह होता ह।
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त उठ, खड़ा हो मेर यार, यूँ क
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कभी-कभी हार ना मानन वाला भी वजेता होता ह ।
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~ Ayushi Patel
(19EC038)
ख़ुद क तलाश कर
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मं जल स आग बढ़ कर मं जल क तलाश कर,
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मल जाय जो द रया तो समंदर तलाश कर
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हर शीशा टट जाता ह प र क चोट स, े
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प र ही टट जाय वो शीशा तलाश कर
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सजद स तेर या आ स दया गुजर गय ,
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नया तेरी बदल द वो सजदा तलाश कर
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ईमान तेरा टट गया राहजन क हाथ स,
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ईमान तेरा बचा ल वो रहबर तलाश कर
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हर श स जल रहा ह अदावत क आग म,
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इस आग को बूज़ा द वो पानी तलाश कर
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कर संवार ऊट प अपन गुलाम को,
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पैदल ही खुद चल जो वो आका तलाश कर.
~ Dhrumil shah
19ec067
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