Page 143 - Gyananda YearBook 2022-23
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फल
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फल ह, खबसरत और रग बरग ,
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फल कदरत का ह, सबस खबसरत उपहार,
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दवी दवता क पजा क लए होता ,
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कछ खास तरह क फल का इ तमाल,
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फल कदरत का ह, सबस खबसरत उपहार|
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फल पड़ –पौध और बगीच क ह , बढ़ात शोभा ,
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फल होत ह ब त सदर ,माली बनाता ह ,फल स माला ,
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फल ह हमारी धरती क चमकत सतार क समान,
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फल कदरत का ह, सबस खबसरत उपहार|
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फल क होत ह अनक रग लाल ,पील ,नील और सफद
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फल को प व ह माना जाता ,इस लए भगवान पर चढ़ाया जाता
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फल ह, खबसरत और रग बरग ,
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फल कदरत का ह, सबस खबसरत उपहार||
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वदती गाधी, क ा -3
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पतग
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हवा चली सर –सर ,
पतग उड़ी फर-फर , े
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कभी ऊपर ,कभी नीच ,
कभी दाएँ,कभी बाएँ ,
अर !अर कहा जाएँ ?
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आती ह लाल ,पीली , हरी
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रग- बरगी वो कट ,
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वो उड़ी, कोई बची,कोई कट ,
हवा चली सर –सर ,
पतग उड़ी फर-फर ||
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शो भका कपर, क ा -3
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