Page 16 - केंद्रीय विद्यालय बड़ोपल ई- पत्रिका
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नीम क पेड़ की रोचक कहानी
STORY ON IMPORTANCE OF NEEM TREE
पुरान समय की बात है, यूनान में एक प्रलसद्ध हकीम रहा करते थे क्जनका नाम था
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लुकमान। वह अपनी यूनानी चचककत्सा पद्धयत क े ललए काफी जान जाते थ। एक बार
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उन्होंन आयुवेद चचककत्सा और उसक रामबार् इलाजों क े बार में सुना की कस पड़ पोधो
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की सहायता से भारत में भी बड़ी से बड़ी त्रबमाररयों का इलाज़ ककया जा सकता है. हकीम
लुकमान ने सोचा तयों न भारत क े ककसी वैध की पर क्षा ल जाय। उन्होंन तुरत अपन एक
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दूत को बुलाया और कहा की यह चचट्ठी सीध ले जाकर हहंदुथतान क े वैध चरक को दे दना
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लककन जाते वतत लसफ इमल क े पड़ क े नीच ह सोना।
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दूत ने वैस ह ककया और वह पुर राथते हमशा रात में इमल क े पड़ क े नीच ह सोया। जब
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वह वैध चरक क े पास पंहचा तो इमल क े पड़ क े नीच सोन की वजह से उसक शर र में
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काफी सार छाल यनकल हए थ। उसन हकीम लुकमान का हदया हआ ख़त सीध चरक को दे
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हदया। जब वैध चरक ने ख़त िोलकर दिा तो वह िाल था. उसम क ु छ नह ं ललिा था।
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चरक ने क ु छ दर सोचा और कफर उस पूर बात बतान को कहा। दूत ने बताया की ककस
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तरह उस ख़त और इमल क े पड़ क े नीच सोन क े यनदेश हदए गए थ।
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चरक को पूर बात समझ आ गई और उन्होंन भी दूत को एक ख़त हदया और कहा की मर
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ओर से लुकमान को यह ख़त दे दना और जाते समय लसफ नीम क े पड़ क े नीच ह सोना.
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दूत न ऐसा ह ककया और प्रत्यक रात नीम क े पेड़ क े नीच सोया. जब वह हकीम लुकमान
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क े पास पंहचा तो नीम क े नीच सोन से उसक शर र में पड़े छाल गायब हो चुक थ। उसन े
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पूर बात लुकमान को बताई और चरक का हदया हआ ख़त हदया। वह ख़त भी िाल था।
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लुकमान मुथक ु राय तयोकक उन्हें उनका जवाब त्रबना ललि भी लमल चूका था और दूत दोनों
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ववद्वानों को लसरकफरा समझकर चुप चाप लोट गया।
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