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वहाँ आग के बीच में चार जीवधारी
           जैसे दिखाई दे रहे थे।
             उनका स्वरुप एक मनुष्य की तरह था
           लेकिन प्रत्येक प्राणी के चार चेहरे और चार
            पंख थे। उनके चेहरे एक मनुष्य  एक शेर
             एक बैल और एक चील के समान थे।

        आग जीवधारियों को आगे पीछे घेरे हुए चलती थी।


























































                                                                                                                                                               उनके पंख जुड़े हुए थे  और वे आगे की ओर सीधे चलते
                                                                                                                                                            थे और मुड़ते नहीं थे। जहाँ भी आत्मा ले जाता था  वे जाते थे।
                                                                                                                                                                  प्रत्येक प्राणी के पास एक पहिया
                                                                                                                                                                  था और एक पहिये के भीतर एक पहिया
                                                                                                                                                                 था जो बिजली के समान चमक रहा था।

                                                                                                                                                                     जब जीवधारी चलते थे  तो पहिये भी चलते थे।

                                                                                                                                                                   जब जीवधारी उठते थे  तो पहिये भी उठते थे।


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