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एक दोपहर को, यीशु ने रात के भोज
का एक आमं�ण स्वीकार िकया।
मुझे क्षमा करो! भोजन करने के �लए
कोई कमरा नह� है और यिद होता ...
म� हर िकसी को �खला यह लोग �खलाए जाने के
नह� सकता! �लए आए ह�, न िक खाने
के �लए।
आन�न्दत हो क्य�िक वहाँ कोई ऐसा अपंग ��� नह� है क ृ पया हम�
िजसके उत्साही िम� अंदर आने का �यास कर रहे ह�! जाने दो!
दु�ात्मा िजसने इस ���
जल्दी को बाँध रखा है।
बोलो!
म� तुझे आदेश देता �ँ, वह तेरी पकड़
इसम� से िनकल जा।
से स्वतं� है!
हे यीशु! मेरा पु� अंधा
और गू ँगा है!
...
म� ... म� ...
हे यीशु!
तेरा धन्यवाद!
कृपया इसे चंगा
कर!
14 14 म�ी 12:22-23; मरक ु स 3:20