Page 9 - HINDI_SB55_Acts3
P. 9

े
                   ु
               �
                         ु
                      े
        लिकन धािमक अगवों न पौलस और बरनबास के  िव��
              नगर के  कलीन लोगों को उकसाया।
                    ु
                                                                                 े
                                                            े
                                                           लिकन अ�ािकया म� नए िव�ािसयों न खुशी और
                                                                             े
                                                            पिवत्र आ�ा से भरकर, अपन नए िव�ास का
                                                                     उ�व मनाया।
                    ु
                  ँ
             हम यहा त�ारी
               े
              महरबानी नहीं           बाहर िनकलो और
                े
             चाहत। तुम हमार  े        बाहर ही रहो!
            लोगों का िवनाश कर
                रहे हो!













             ु
          े
               ु
      उ�ोंन इकिनयम की यात्रा की और िफर
            ु
        से यीश ही मसीहा है, यह िसखाया।
                       े
                   े
       े
                                              े
      लिकन अिव�ािसयों न उनक िव�� लोगों       ! व झूठे  ह�
           के  मनों म� ज़हर भर िदया।
                                              िवधम� ह�!
                                              समाज म�
                                                 े
                                              उठन-बैठन  े
                                             लायक नहीं ह�!
                                                                                      ू
                                                                                  जनसमह को-
                                                                                       े
                                                                                  भड़कान वाल! े
                     े
                                   ु
             ै
                    ु
            जसा िक यीश न भिव��ाणी की थी, ससमाचार �ोित             े
                  ं
              और अधकार के  बीच िवभाजन का कारण बना।   वे कल दोपहर से पहल तुम
                                                                 े
                                                      पर प�रवाह करन की
                                                       सािजश रच रहे ह�।!
                                           े
                                        परम�र
                                       हमारी र�ा
                                         करगा।
                                           े
                                                                    े
                                                              े
                                                             लिकन परम�र न  े
                                                                ु
                                                            ��फनस पर प�रवाह
                                                                    ु
                                                               े
                                                            करन की अनमित दी
                                                                 थी।
                                                                 िनि�त �प से
                                                                  हम उसस  े
                                                                 बहतर नहीं ह�।
                                                                  े
                                                               नहीं। म�
                                                                ब�त
                                                               बदतर �ँ।
                                       प्र �रतो   ं के    काम  13:50 – 14:1-2               7 7
                                        े
                                        े
                                       प्र�रतों के  काम 13:50 – 14:1-2
   4   5   6   7   8   9   10   11   12   13   14