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पिसगा पहाड़ पर   बालाक ने सात और वेदियों का निर्माण किया और बलिदान चढ़ाया।



                                  तुम होमबलि के पास
                                   खड़े रहो जब तक मैं
                                 जा कर प्रभु से मिलूं ।







































                                                                    यदि तुम उन्हें   क्या मैंने तुमको
                                                                   श्राप देने नहीं जा   यह नहीं बताया
                    परमेश्वर ने             यहोवा उनका             रहे हो  तो कम से  कि यहोवा ने मुझे
                    क्या कहा है                                    कम उन्हें आशीर्वाद  जो कुछ भी कहा है
                                         परमेश्वर उनके साथ है।         न दो
                                           वह उनका राजा है                      मुझे अवश्य कहना होगा
                                                  याकूब पर कोई अभिशाप
         उठो  बालाक                               लगाया नहीं जा सकता है
          और सुनो।                                उसके खिलाफ कोई जादू
                                                   कार्य नहीं करेगा।
            परमेश्वर एक
          आदमी नहीं है  कि वह                      शेरों की तरह  वे तब
          झूठ बोले   वह अपना                       तक लेटेगे  जब तक
            मन नहीं बदलता है                       कि उन्होंने जो कुछ
           जैसे मनुष्य करते हैं।                   मारा है  उन्हें खा न
                                                      चुके हैं















                                                                                   मैं तुम्हें एक और
                                                                                    दूसरी जगह ले
                                                                                  जाऊंगा   शायद यह
                                                                                  परमेश्वर को प्रसन्न
                                                                                    करे कि तुम उन्हें
                                                                                  वहां से श्राप दे दो।
                                                                                           25 25
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