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दो साल बाद।
कभी-कभी मुझे आश्चयर्
ै
होता ह �क अगर हम
नासरत म� वापस जाते तो मुझे भी, म�रयम,
ै
�कतना अलग होता। परन्तु लगता ह, यह
हमार �लए सह� ह। ै
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नासरत म�, वहाँ अ�धक नौक�रयां जब तक तुम मुझे और
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नह�ं होगी, क्य��क मुझे मर �पता यहाँ, अभी के �लए, म� क ु छ नह�ं बताती, तब
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और भाइय� क साथ साझा करना हमारे �लए एक उ�चत तक यहाँ कवल हम तीन
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होगा। जीवन जी रहा ह ू ँ। है।
म� यह नह�ं कह रहा
ह ू ँ �क म� घर नह�ं
जाना चाहता।
र्
म� �सफ बैतलहम नह�ं
छोड़ना चाहता ह ू ँ।
अभी नह�ं।
हाँ, परन्तु हम तीन�
का मुिश्कल स े
जीवन व्यतीत हो पा
े
रहा ह! ै यूसुफ, मुझे अपन प�रवार क�
ै
और क्या होगा, याद आती ह। और म� उस घर
जब हमार और म� रहना चाहती ह ू ँ जो तुमने
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बच्च ह�ग? हमार �लए बनाया था!
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अपन प�रवार क साथ नौक�रय� को
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वह आवाज
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साझा करना इतना बुरा नह�ं ह,
जब�क कवल नासरत ह� एक स्थान क्या थी? यीशु!
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ह जहाँ लोग बढ़ई क काम क �लए
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जाते ह�। घोड़�! बह ु त सार!
घोड़� का एक कारवां यीशु!
और प�रवार� क क समान लगता ह। ै
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कर�ब रहन म� म�
सुर��त महसूस यीशु वहाँ
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करती ह - बाहर ह ...
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लूका 2: 36-38
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8
36-3
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