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शकेम के लोगों ने मैदान में जाकर अपनी अपनी दाख की बारियों के फल
तोड़े और उनका रस रौन्दा और स्तुति का बलिदान कर अपने देवता
के मन्दिर में जाकर खाने पीने लगे।
अबीमेलेक कौन है कि हम
उसके अधीन रहें
हम अपने भविष्य
और अगुवे का फैसला
आप करेंगे
क्या वह गिदोन का पुत्र
नहीं क्या जबूल उसका यदि यह प्रजा मेरे
सहायक नहीं वश में होती
हम अबीमेलेक हम होंगे
की सेवा क्यों करें
यह बिल्कुल तब मैं निश्चय
ठीक है उस पर जय पाता
गाल नगर वालों को तेरा विरोध करने को उकसा
मैं अबीमेलेक से कहूँगा रहे हैं। तू उससे कह कि वह रात को उठ कर
अपनी सारी सेना को मैदान में घात लगाए।
बुलवा भेज
अबीमेलेक को यह
संदेश भेज
न्यायियों 25 25