Page 13 - HINDI_SB56_Acts4
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       हम यात्रा करत �ए िफिल�ीन गए
                   े
         और िफर य�शलम चले गए।
                     ु
                भाई पौलस!
               हम अ�जाितयों के
                      े
                                                                 ँ
               बीच म� परम�र के                          अब जब तू यहा है
                   �
                काय के  िवषय म  �                       तो �ेश से बाहर
                ु
                                                           े
              सनकर ब�त खुश ह�!                           रहन का प्रयास
                                                            कर!













                                                                       े
                                                                             ु
                                                                      लिकन पौलस को �ेश से बाहर
                                                                        े
                                                                     रहन का उपहार नहीं िदया गया था।
                 ं
                े
             उसन मिदर की म�त पूरी करन  े
                         ुं
             के  िलए अपना िसर मडवा िलया,
               े
                        �
                         े
              लिकन इस काय न भी उसे
                लोकिप्रय नहीं बनाया।





                                                                                     ू
                                                                                  वह यनािनयों
                                                                                     ं
                                                                                  को मिदर म�
                                                                                   ले आया!




                                                                   े
                                                             कृ पा करक मुझे
                                                             लोगों से बात करन  े
                                                                 द�।












                                                                  वह भीड़ तेरी सुनन  े
                                                                       े
                                                                   से पहल तुझे मार
                                                                        े
                                                                     डालगी...
                                                                    ...उतना ही िदलच�
                                                                        होगा।
                                          �रतो
                                          े
                                          े प्र
                                               काम
                                             के
                                             ं

                                         प्र�रतों के  काम 21:27-40                         11 11
                                                   21:27-40
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