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प्यार बच्िों,
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गुरु क ु म्हार सशर् क ुं भ ह गढी गढी काढ़ खोट।
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अंतर हार् सहार द, बाहर बाह चोट ।।
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युगरष्िा िति कवि कबीर की िाश्िि पंक्तियां आज की बिलिी पररक्स्र्तियों में 'गुरु
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और शिष्य 'क े सबस पवित्र संबंध को अपन गिीर प्रेरक अर्थ में संबलिा प्रिान कर
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रही ह।कोरोना काल में विद्यालय बंि होने की क्स्र्ति में आधुतनक िकनीक क े द्िारा
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सिी अध्यापक अपन वप्रय छात्रों से अधधक आत्मीयिा से जुड़िे जा रह है ।शिक्षण
कायथ में और अधधक कायथ क ु िलिा से ,न ई िकनीक को सीखिे हए "अंिर हार् सहार
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िें अर्ाथि अपन छात्रों क े अन्द्िमथन से जुड़कर ,इस महामारी में उनक मनोबल को
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बनाए रखा।हर संिि मिि का िरोसा दिया । शिक्षण कायथ िल्लीनिा से पूरा ककया ।
प्यार बच्िों ,समय सिा एक सा नहीं रहिा ।हर विपरीि पररक्स्र्ति जीिन में निीन
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संिािनाओ क े द्िार खोलिी ह।हार ना मानन का संबल प्रिान करिी ह।
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मानिीयिा का सुिर पाठ िी पढािी है । विद्यालय आपको विशिन्द्न विर्यों में
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सुयोग्य बनािे हए एक संिेिनिील ,सुहृिय मानि बनने की आधार िूशम िी प्रिान
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करिे है क्जसस एक सुसस्क ृ ि ,सुसभ्य समाज का तनमाथण हो सक े ।याि रखखए हम
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किल ।सहानुिूति ,प्रेम ,िया ,कऱूणा ,सहयोग ,सत्य आदि जीिन मूल्यों क े सुमनों से
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अपनी जीिन बधगया को सूँिार सकिे ह। मानिीय गुणों को पािे हए शिक्षा क े
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िास्िविक उद्िश्य को प्राप्ि कर सकिे ह।
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'आरोहण ' पत्रत्रका का द्वििीय e अक आपक सम्मुख है ।
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विद्यालय पत्रत्रका ने छात्रों
की रिनात्मक,सृजनात्मक प्रतििा को उजागर करने का सार्थक मंि प्रिान ककया ह।
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समसमातयक समस्याओ क े प्रति उनकी गहन संिेिनिीलिा िखिे ही बनिी है ।मै
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अपनी कमथठ विद्यालय प्रमुख श्री मिी मृणाशलनी गौिम का आिार व्यति करना
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िाहगी क्जनक मागथ ििथन से ही यह पत्रत्रका अपने सुिर कलेिर में आपक सम्मुख आ
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सकी है ।मैं संपािकीय मंड़ल क े सिस्यों, शिक्षकों एिं छात्रों को आिार व्यति करिी
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हूँ,क्जनक सहयोग से अनुपम रिनाओ से सजी हमारी 'आरोहण 'का उिरोिर प्रगति पर्
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इिना सुगम बना ।
स्नेहािीर् !
धित्रा गौड़
प्रितिा दहंिी
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हर दिन मरा सिथश्रष्ठ दिन ह यह मरी क्जन्द्िगी ह मर पास यह क्षण िुबारा नहीं होगा.
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