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प्रार्थना
हे िर्ागि सुगि ज्ञान िािा
मन में सत्ज्ञान िीपक जला िो।
हम असि्से रहें िूर हर िम
सत्य का मागथ हमको दिखा िो।
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मरी िाणी में िर िो मधुरिा
ज्ञान का ऐसा अमि वपला िो।
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मुख से तनकल ना कि ू िब्ि कोई,
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कठ में ऐसी शमश्री शमला िो।
दिल में रह जाए करुणा ,िया बस
विर् ऱूपी अंधरा शमिा िो।
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हम असत्य से रहें िूर हर िम
सत्य का मागथ हमको दिखा िो।
िूर कर िो जगि की विर्मिा
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ना रह कोई अपना पराया।
ऐस पर् क े मुसाकिर बन हम ,
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क्जसका गंिव्य हो िेरी छाया ।
जो कर प्रम िरुिर का शसंिन,
े
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हर हृिय में िो धारा बहा िो।।
Prayer does not change God, but it changes him who prays.