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देख, मैं शीघ्र
                आ रहा हूँ!
             मैं प्रतिफल अपने साथ
              लाता हूँ, और जो कुछ
             उन्होंने किया है उसके
            अनुसार मैं उन्हें प्रतिफल
                   दूँगा।
                   मैं ही आदि और
                   अंत हूँ - प्रथम
                    और अंतिम।








                                                                  धन्य हैं वे जो अपने वस्त्र
                                                                  धो लेते हैं। उन्हें जीवन के
                                                                  वृक्ष पर अधिकार होगा,
                                                                  और वे फाटकों में से होकर
                                                                  नगर में प्रवेश कर सकेंगे।

                                                                           परन्तु कुत्ते, जादूगर,
                                                                         व्यभिचार करने वाले, हत्या
                                                                         करने वाले, मूर्तिपूजक और
                                                                        झूठ को चाहने वाले और वैसा ही
                                                                        अभ्यास करने वाले सभी नगर
                                                                             के बाहर रहेंगे।

                                                                        मुझयीशु ने, कलीसियाओं के लिए
                                                                        इन बातों की गवाही देने के लिए
                                                                        अपने दूत को भेजा है। मैं दाऊद
                                                                          का मूल और वंशज हूँ। मैं
                                                                         चमकता हुआ भोर का तारा हूँ।



































                                                                   “आत्मा और दुल्हन कहते हैं,
                                                                   ‘आ!’जो सुनता है वह कहे, ‘आ!”
                                                                      “और जितने प्यासे हों, उसके
                                                                            पास आएँ।”
                                                                 “और जो कोई चाहे वह जीवन के जल में
                                                                        से सेंत-मेंत ले ले।”
                                         प्रकाशितवाक्य 22:12-16                            33 33
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