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सा1ह?य पढ़ने क #लए +ेKरत करना चा1हए। ~ी वामी ने सा1ह?य क +%त अपने अनुभव भी ~ोताओं स
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सांझे 9कये। राज थानी भाषा को संवैधा%नक दजा 1दलान क #लए उSहोन सुदूर राज थान क
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कर!ब 3500 गांव' का Áमण करक ामीण' को कPवताओं क माzयम से %नचल तर पर फले ÁMटाचार
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से लेकर कS\ क> राजनी%त तक क मु' पर जागृत करने म कामयाबी हा#सल क> ह। नतीजे क तौर पर
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~ी वामी को जेल भी जाना पड़ा। व&तDय क अंत म वामी ने उपि थत जन को शह!द आजम भगत
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#संह क> जेल डायर! समेत समाजवाद! सा1ह?य पढ़न का आहवान 9कया। गोMठt क अzय एवं े6 क
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Pव{यात Uचंतक कामरड वण #संह Pवक न कहा 9क वत मान राजनी%तक पKरि थतय' से शासक वग
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जनता को दो भाग' म Pवभ&त करने क #लए पूर! #शत से +यासरत ह, ले9कन भारतीय समाज क>
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भाईचार क> सांझी Pवरासत क आग उनक> दाल नह!ं गल रह! ह।
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उSहोन कहा 9क आज क दौर म वै_ा%नक और +ग%तशील Pवचार' क> साथ कता काफ> बढ़ गई
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ह। कामरड Pवक ने आग कहा 9क कई +{यात लेखक' एवं बुPWजीPवय'/प6कार' को Pपछले क ु छ वषw म
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Pवचार' क> र ा करते हए अपनी जान गवांनी पड़ी ह। ऐसे ह! बहत से बुPWजीPवय'/सा1ह?यकार'/छा6' को
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सरकार न जेल' म बंद कर रखा ह। उSहोन इस बात पर बल 1दया 9क समाज म बेहतर संवाद कायम
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करने क #लए हम आगे आना होगा। उनका कहना था 9क Vयो%तबा फ ु ले और राहल सांक ृ ?यायन को
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सfची ~Wांज#ल यह! ह 9क समाजवाद! Pवचार धारा को आग बढ़ाया जाए और फ ू टपर त ताकत' को
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मुहतोड़ जवाब 1दया जाए। राहल सांक ृ ?यायन पु तकालय क अzय ~ी अनीश क ु मार ने आए हए
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अ%तUथय' का आभार Dय&त 9कया। सभा का सफल मंच संचालन पु तकालय उपाzय भारत भूषण न
9कया।
- गुरब श Nसंह मDगा
#सरसा
मो. 93542-21054
मई – जुलाई 116 लोक ह ता र