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वाले छात् िरवाते हैं. ्ंकदर िा ना् तो नीलिंठ है पर प्रकत्ा सागर
                                                          शयन िरते क्षीरसागर कवष्णु िी है.
                                                             दोपहर कवश्ा् िे बाद ह्ारा इरादा पशुपकतनाथ ्ंकदर जाने िा था.
                                                          पर ्ैं आलसयवश टाल गया और ्ेरे क्त्गण चले गए. लेकिन साढ़े
                                                          चार िे आसपास राजीव आ गए और उनहोंने ्ुझे पशुपकतनाथ चलने िो
                                                          िहा तो ्ैं टाल नहीं सिा. राजीव िाठ्ांडू ्ें एि िारपोरेट िंपनी िे
                                                          एिाउंट कवभाग ्ें साि्फ देशों िे हेड हैं. वे पशुपकतनाथ िे िट्र भकत
                                                          हैं और िाशी िे रहने वाले हैं. उनहोंने बताया कि वे तो पशुपकतनाथ
                                                          िे दश्णन िरने आज से िोई पंद्रह साल पहले िाठ्ांडू आए थे और
                                                          यहीं नौिरी पा गए तो यहीं िे होिर रह गए. ह् पशुपकतनाथ ्ंकदर
                                                          तो गए पर चूंकि ्ैं कसवाय बौद्ध ्ंकदर िे अलावा किसी भी धाक््णि
                                                          उपासनासथल ्ें नहीं जाता इसकलए सवयं राजीव भी ्ंकदर िे अंदर नहीं
                                                          गए. वे ्ेरे साथ उस गोरख पहाड़ी िी तरफ चले गए कजसिे कशखर से
                                                          पशुपकतनाथ िी आरती साफ कदखाई पड़ती है तथा आसपास िा कवहंग्
                                                          दृ्य भी.
                                                             गोरख पहाड़ी िे हर झुर्ुट ्ें िहीं िोई स्ाकध लगाए बैठा था
                                                          तो किसी पेड़ िे नीचे िुछ युवि-युवकतयां खड़े भांग, गांजा, चरस या
                                                          अफी् िा सेवन िर रहे थे. लड़कियां इतनी कबंदास और इस तरह िे
                                                          िपड़ों ्ें बालीवुड िी सवा्णकधि कबंदास अकभनेकत्यां भी पीछे हो जाएं.
                                                          ह्ने एि चाय िी दुिान िा बसेरा कलया जहां ह्ें छोड़िर सारे
                                                          युवि-युवती कबयर या वोदिा सेवन िर रहे थे. यह कदलचसप तथय
                                                          है कि एि तरफ तो इतनी उन्ुकतता और दूसरी तरफ इतनी शालीनता
                                                          भी कि कया ्जाल िोई युवि किसी युवती िे साथ किसी तरह िी
                                                          बदसलूिी िर दे. राजीव ने बताया कि कपछले 15 वषषों ्ें उनहोंने यहां
                                                          किसी तरह िे रेप, दुष्ि््ण या छेड़छाड़ िी खबर नहीं पढ़ी. उस वकत
                                                          रात िे आठ बज रहे थे. ्ैंने िहा कि कदलली-गाकजयाबाद-नोएडा-
                                                          फरीदाबाद तथा गुड़गांव ्ें इस वकत िोई ्कहला घर से अिेली-दुिेली
                                                          नहीं कनिलती. एि छोटे-से ्ुलि िे संसिार और सभयता िे आगे ह्
                                                          125 िरोड़ कितने बौने हैं.
                                                             ह् रात नौ बजे वापस होटल आ गए. ह्ारे  ह्ने नेपाल िी कवशुद्ध
                                                          शािाहारी थाली खाई कजस्ें ्ैदे िी पतली-पतली दो रोकटयों िे अलावा
                                                          उमदा किस् िे चावल, अरहर िी दाल, आलू िा भरता और ढेर सारा
                                                          देसी घी था. n
                                                                        w1-15 अगस्त, 2017w I गंभीर समाचार I  37
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