Page 24 - Not Equal to Love
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सूरज ूकाश
मुझम होकर भी जुदा-जुदा सा रहा
यूं तTहा मुझ ह+ म मेरा खुदा रहा……!!!
- अg छf है। आप पूर+ रचना द।
- जी ज़/र।
- 5कतनी ह*गी कIवताएं?
- कg ची प_ क ह*गी पचास के कर+ब।
- हम कम से कम पांच द, बस एक इकलौती शत< है।
- जी कह सर!!
- वह+ रचना द जो पहले से नेट पर या आपक वॉल पर न
ह*।
- नेट पर ये सब तब बेकार हो जायगी _ या?
- नह+ं, हम चाहते ह 5क हम जो छाप लोग उसे पहली बार
हमारे यहां ह+ पढ़।
- म तो बेहद खुशी से िलखती हूं यहां ता5क सब पढ़ सक ।
लोग पढ़ते और कमट भी करते ह।
- आप फे सबुक क ट+आरपी पर न जाय। हम यह+ तो नह+ं
चाहते 5क आप ह+ के पाठक और िमऽ ये कह 5क अरे ये
तो पहले पढ़+ ह आपक वॉल पर। अब हमारे िलए िलख
खास तौर पर। बेशक बाद म आप अपनी वॉल पर उसका
िलंक दे द। हमार+ पIऽका लगभग 2000 पाठक रोज़ पढ़ते
ह और खूब पसंद भी करते ह।
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