Page 62 - Microsoft Word - CHETNA MARCH 2020- APRIL 2020 FINAL
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आज भी अvधकाँशत: लोगJ का यह मानना है +क यीशु ने दु;नया म. ज#म
        5लया और वह सल%ब पर मार  दया गया था, पर जहां तक उसके  मुदš म. से
        जीEवत होने क1 सbचाई है उस पर बहत से लोग सवाल खड़ा कर देते ह8. यह
                                        ु
        बात इतनी अvधक क ठन EवXवास न करने वाल% है +क आर?भ म. उसके  5शGयJ
        ने भी इस बात पर यक1न नह%ं +कया था (लूका 24:11). ले+कन कई एक बार
        उसके  5शGयJ ने यीशु मसीह को मरने के  बाद कई एक PथानJ पर खुद अपनी
        आँखJ से जीEवत देखा तो उसके  जी उठने क1 बात पर भरोसा भी +कया. बाइबल

        बताती है, +क कर%ब 500 लोगJ ने उसको जीEवत देखा था (1क ु <रि#थयJ 15:6).
             जब यीशु मसीह के  5शGयJ ने उनको मरने के  बाद जीEवत देखा, उनसे बात.
        क1 और उनके  साथ खाया भी तभी उ#हJने EवXवास भी +कया. ऐसा होने के  बाद
        ह% उनके  5शGयJ ने सारे लोगJ को बताया और उनके  सुसमाचार का  चार भी
        +कया. य द यह सbचाई नह%ं होती तो उनके  5शGय =यJ इतना जोHखम उठाते
        और =यJ वे सब अपनी दद0नाक और  दल दहलाने वाल% मौत. पसंद करते? यह%
        कारण है +क, इस सbचाई को उस जमाने म. लोगJ ने माना, उनक1 5श-ाओं को
        Pवीकार +कया और आज भी लोग ऐसा ह% कर रहे ह8. यह% कारण है +क आज
        भी  सारे  संसार म.  यीशु  मसीह  या  मसी हयत  के   मानने  वालJ  क1  तादाद सारे
        धमš से अvधक है. यीशु मसीह क1 मौत और पुन: जी उठने के  बारे म. बाइबल
        म. जो 5लखा है वह एक ए;तहा5सक सbचाई है. य द आप इन सार% बातJ को

        —यान से, mम बार पढ़.गे तो एक  दन आपको भी यह EवXवास हो जाएगा +क
        यीशु मसीह का नाम, उनका काम, उनक1 मौत, उनका पुन: जीEवत होना और
        उनका Pवग0 पर उठा 5लया जाना; ~बलक ु ल सच इस 5लए है +क उनके  बारे म.
        5लखी सार% घटनाएँ सचमुच म. घट% थीं. तब आप समझ जाय.गे और EवXवास
        भी ला पाय.गे.
             एक इ;तहासकार िजसका नाम टैसी¿स है का ज#म ईPवी सन 55 म. हआ
                                                                       ु
        था, उसने यीशु मसीह के  बारे म. 5लखा है +क, 'उसके  नाम (यीशु मसीह) के  ह%
        कारण  यीशु  मसीह  के   अनुया;ययJ  का  नाम  'मसीह'  पड़ा  है.  इसके   अ;त<र=त
        उसने  यह  भी  5लखा  है  +क  सAाट  ;त~ब<रयस  के   राMय  म.  गवन0र  पुि#तयुस

        पीलातुस  ने  यीशु  को  मौत  क1  सजा  का  दंड  सुनाया  था.  दूसरे  अ#य
        इ;तहासकार  िजनके   नाम  mमश:  सूटो;नयस  (ज#म  ईसवी  सन  69),  यहद%
                                                                       ू
        इ;तहासकार जोसीफस ( ज#म ईसवी सन 37 या 38), और ~बतू;नया  देश के
        राMयपाल,  eल%नी  द%  यंगर  (ज#म  ईसवी  सन  61  या  62);  इन  सभी  ने  यीशु



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