Page 14 - E-BOOK KENDRIYA VIDYALAYA SANGATHAN RANCHI REGION
P. 14

ऐ  वनाशक कोरोना,

                                                                                                                                                                  ै
                                                                                               े
                                                                                        तुन सभी को डरा कर रख  दया ह,
                                                                                      पूर  व को दहला कर रख  दया ह।
                                                                                            े
                                                                                                                                                                 ै

                                                                                                                                           े
                                                                                                                            े
                                                               श  शाली अमे रका भी तेर सामन झूक गया,
                                                                            वाह , त तो मृ य का तरल  त बन गया।
                                                                                             ू
                                                                                                                ु





                  े
                            े
                                               े

   नया क सार सुख चल गए ह,
                              े
                                                                     े
                े
                                                 े

 ना जान  कतन मासूम  क जान चल गए ह।
        े
                    े
 अर तुझस तो मनु य पर दया तक भी नही  दखाई गई,
 तेर वजह स ना जान  कतन मासूम  क  जान चली गई।
                                                                                      े
                                        े
                                                      े
       े
                        े
                    े
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                        े
 तुझ हरान क  लए कभी शंख तो कभी घंट  बजाई गई,
                      े
                                                                         े
                                                           े
 मोद  जी क आ ान पर चैत क महीन म भी  दवाली मनाई गई।

                                                         े
                                                                                                                                                                  ै
                                                                                                       े
                                                   तून अपनी  वनाश लीला स हर ओर कोहराम मचा  दया ह,
                               ना जान  कतन ब   को अनाथ और    य  को  वधवा बना  दया ह।
                                                           े
                                                                                                                                                                 ै
                                              े
                                                                        े

                                                                            े
                                                            े
                                                                                                                                                                  ै
                                                   ब  -ब  क ज बान पर आजकल  सफ़ तेरा नाम होता ह,
                                                                या खाएँग द न , यह सोच कर पूरा प रवार रोता ह।
                                                                                                                                                                 ै
                                                                                     े

                                                                                                          े
                                                                                                                                                े
                                                                                  े
                                                                वह कहत ह  क तुझस तो नही पर भूख स मरजाएँग                                                           े
            े
                                             ै
 तुझस  वन   नवेदन ह,
 त चला जा यही स,नही तो ब त स जीवन ख म हो जाएँग।
                                                                                                                े
                                    े
    ू
                                                                    े
               ू
 मगर त याद रखना,हम भी भारतीय ह
 तुझस ना डर ग, घबराएँग नही
                             े
            े
                                                े

                        े
                                               े
            े
 तुझस लडग और जीत ग,
 यह वचन ह सही।
                       ै
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