Page 28 - HINDI_SB13_Judges3
P. 28

   आखिर बात क्या है􏰇 तूने कुछ खाया ही नहीं।
प्रेमियों के बीच में गहरा संबंध होना चाहिए􏰇 और आपस में सब कुछ साझा करना चाहिए।
      तूने हमारे संबंध का मज़ाक उड़ाया है।
क्या तुझे कुछ और चाहिए􏰇तुझे जो भी चाहिए􏰇 शिमशोन तेरे लिए लाएगा।
मुझे जो चाहिए􏰇 तू मुझे नहीं दे सकता है।
मंै तुझे बताना नहीं चाहता था क्योंकि मंैने किसी को नहीं बताया है।
मेरे बालों मंे वह रहस्य है।
मंै तेरे साथ हमबिस्तर हुई 􏰇 लेकिन तू मुझे अपने मन का भेद नहीं बताता है।
हे शिमशोन􏰅 अब मंै सच में स्वयं को तेरे निकट महसूस करती हूँ􏰅 कि हम एक दूसरे को सच मंे जानते हंै।
आ हम एक􏰇दुसरे के प्रेम का आनंद लंे।
मंैने सोच लिया मंै तुझसे मिलना बंद कर दूँगी और अपने लोगों मंे ही विवाह करुँगी 􏰇 पलिश्तियों से।
􏰆􏰆􏰆मैं ही मूर्ख थी कि मंैने स्वयं को तेरे जैसे पुरुष के साथ जोड़ा।
शिमशोन- पलिश्ती तेरी घात में हंै!
यदि तू मेरे सिर की सातों लटंे ताने मंे बाँध सके तो मंै साधारण मनुष्य के समान
कमजोर हो जाऊँगा।
    26
न्यायियों 􏰄􏰃􏰂􏰄􏰁􏰇􏰄􏰀
लेकिन पहले के समान ही􏰅 शिमशोन ने पलिश्तियों को हराया।

















































































   26   27   28   29   30