Page 4 - HINDI_SB59_Letters3
P. 4

ु
          ँ
               ू
               �
       हालािक �गदतों के  वचन स� सािबत �ए है और लोगों को              यीश हमारी तरह मांस और ल� बन
                                                                               �
                                                                                  ु
                                                 और यह उिचत था िक
                           ं
                    े
       उनकी आ�ा ना मानन के  कारण दिडत िकया गया - हम� �ा   परम�र, िजसन सब कु छ   गया - �ोंिक िसफ मन� के  �प म�
                                                  े
                                                         े
                                                                       े
                                                                                  ै
                                        े
       लगता है िक अगर हम इस महान उ�ार को तु� समझ तो   अपनी मिहमा के  िलए   मरन के  �ारा ही वह शतान की स�ा
                                                                        को न� कर सकता था।
                             े
                  �ा हम बच सकत ह�?                       ु
                                                बनाया है, यीश को दुख
                                                    े
                                                उठान देता, �ोंिक ऐसा
                                                   े
                                                करक वह एक बड़े समूह
                                                     �
                                                को �ग की ओर ले जा
                                                     रहा था।
                                                           े
                                                    ु
                                                 यीश की पीड़ा न उसे
                                                         ु
                                                 एक िस� अगवा बना
                                                     िदया।




















                                                   ँ
                �
        वह एक �गदू त के  �प म� नहीं              हालािक वह �यं ही क�ों और परी�ाओं म� से गुज़रा है, वह जानता है
                                                                            े
                                                              े
                ु
       ब�� एक मन� के  �प म� आया                 िक जब हम पीिड़त होत ह� और परी�ा म� पड़त ह� तो �ा होता है, और
                                                                             े
                                                          ्
               े
       था— वह अपन भाइयों की तरह बना,                  वह अदत �प से हमारी सहायता करन म� स�म है।
                       ु
         तािक वह हमारा दयाल और
        िव�ासयो� महायाजक बन सके ।















     2 2                                      इब्रािनयों 2
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