Page 14 - HINDI_SB33_Nehemiah
P. 14

य�दी लोग क्या कर रहे ह�? क्या
                          वे अपनी शहरपनाह को बना ल�गे?
                             क्या वे यज्ञ कर�गे?






















                     क्या वे आज ही सब काम
                      पूरा कर डाल�गे?
                      क्या वे िम�ी के ढेर� म� के जले �ए
                      पत्थर� को िफर नये िसरे से बनाएँगे?




                   यिद कोई गीदड़ भी उस पर चढ़े,
                   तो वह शहरपनाह को तोड़ देगा।





                                                                  हा - हा - हा।
                                                                   मुखर्।




                                                             मूख�ं से भी बदतर…
                                                                य�दी।














                                                        हे हमारे परमेश् वर, सुन ले
                                                        हमारा अपमान हो रहा है। उनका िकया �आ अपमान उन्ह�
                                                                     के िसर पर लौटा दे।

                                                                  उन्ह� बँधुआई के देश म� लुटवा दे... क्य�िक उन्ह�ने तुझे
                                                                   शहरपनाह बनानेवाल� के सामने अपमािनत िकया है।



     12 12                                 नहेम्याह 4:1-5
   9   10   11   12   13   14   15   16   17   18   19