Page 31 - HINDI_SB33_Nehemiah
P. 31

लोग� ने अपने मन को तैयार िकया था और
       परमे�र के वचन की िशक्षा के अनुसार िकया।


































                            तेरा मिहमायुक् त नाम धन्य हो - यह
                             सब धन्यवाद और स्तुित से परे है।
                                                    तूने अपना नाम ऐसा नाम बनाया
                                                      है जो अभी तक कायम है।   तूने सीनै पवर्त से हमारे पूवर्ज�
                                                                          से बात की थी।




                                                                 हमारे पूवर्ज अिभमानी हो गए और तेरे �ारा
                                                                 िकए गए बड़े आश् चयर्कमर् को याद नह� िकया।

                                                  तूने उन्ह� उनके अत्याचा�रय� के हवाले कर
                                                   िदया, क्य�िक उन्ह�ने तेरी िनन्दा की थी।











                     उन्ह�ने परमे�र के वचन और �वस्था
                      के िव�� पाप िकया - िजसका पालन
                     करने से मनुष्य जीिवत रह सकता था।

       जो कुछ भी �आ है, उसम� परमे�र न्यायपूणर्
        रहा, और हम, उसके लोग� ने गलत िकया।





                                              नहेम्याह 9:1-37                              29 29
                                              नहेम्याह 9:1-37
   26   27   28   29   30   31   32   33   34   35   36