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तुम लोग� ने िवश् वासघात
                               िकया है।
                                तुमने िवदेशी ि�य� से िववाह
                              िकया और इ�ाएल का दोष बढ़ाया है।

                                   अब �भु के सामने
                                 अपना पाप मान लो… और
                                  उसकी इच्छा पूरी करो।
























                                          तू सही है!   हम तेरे कहे   जब तक हमारे परमेश् वर का भड़का �आ कोप हम से दूर न हो तब
                                                   अनुसार कर�गे।
                                                               तक हमारे नगर� के िजतने िनवािसय� ने िवदेशी ि�याँ से िववाह िकया है वे
                                                               िनयत समय� पर आया कर�, और उनके संग एक नगर के पुरिनये और न्यायी आएँ।














        अगले तीन महीन� म� सभी तलाकशुदा ि�य� और उनक े        लोग परमे�र की आज्ञा का पालन
          बच्च� क े  �लए देखभाल और �ावधान िकए गए।
                                                             कर रहे ह� और वे अब िवदेिशय�
                                                             से िववाह नह� करते ह�।
                                                                        �भु उनकी आज्ञाका�रता - और
                                                                         इस नगर को आशीष द�गे।

















     16 16                                 ए�ा 10:9-17
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