Page 31 - 'ब्राह्मण्य दिवाळी अंक २०१७'
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इसंद णजणम जसंभ पर, बपाड़व स असंभ पर,
रपावन सदसंभ पर रघक ल रपाज हQ।
पhन वपाररवपाह पर, ससंभ रणतनपाह पर,
जसं सहसबपाह पर रपाम णदजरपाज हQ
दपावपा द मदसंड पर, चकीतपा मfगझ संड पर,
भ,ष& णवतसंड पर जRस मfगरपाज हQ।
तज तम असंस पर, कपान णजणम कसं स पर,
तसं मलच बसंस पर सर णसवरपाज हQ
डपाढकी क रखRयन ककी डपाढकी-सकी रहणत छपातकी,
बपाढकी मरजपाद जस हद णहसंदवपान ककी।
कणढ गई रRयत क मन ककी कसक सब,
णमणट गई ठसक तमपाम तरकपान ककी।
भ,षन भनत णदल्लकीपणत णदल धपाक धपाक,
सणन सणन धपाक णसवरपाज मरदपान ककी।
मटकी भई चसंडकी णबन चटकी क चबपाय सकीस,
खटकी भई ससंपणत चकतपा क घरपान ककी
सबन क ऊपर हकी ठपाढ रणहब क जग,
तपाणह खर णकय जपाय जपारन क णनयर।
जपाणन गRरणमणसल गसकील गसपा धपारर उर,
ककीनसं नपा सलपाम न बचन बल णसयर
भ,षन भनत महपाबकीर बलकन लपाग,
सपारकी पपातसपाहकी क उड़पाय गए णजयर।
तमक तP लपाल मख णसवपा क णनरकख भय,
सपाह मख नhर¥ग, णसपपाह मख णपयर।
दपारपा ककी न दhर यह, रपार नहकीसं खजब ककी,
बपा¥णधब नहकीसं हR कR धhसं मकीर सहवपाल क।
मठ णवसनपाथ क, न बपास गपाम गक ल क,
दवकी क न दहरपा, न मसंणदर गपपाल क।
गपाढ गढ लकीनP अर बRरकी कतलपाम ककीनP,
ठhर ठhर हपाणसल उगपाहत हQ सपाल क।
ब,ड़णत हR णदल्लकी स स¥भपारR कसं न णदल्लकीपणत,
धपाकपा आणन लपागh णसवरपाज महपाकपाल क
चणकत चकतपा चhसंणक चhसंणक उठR बपार बपार,
णदल्लकी दहसणत णचतR चपाणह करषणत हR।
णबलकख बदन णबलखत णबजRपर पणत,
णफरत णफरसंणगन ककी नपारकी फरकणत हR
थर थर कपा¥पत क तब सपाणह गलकसं डपा,
हहरर हबस भ,प भकीर भरकणत हR।
रपाजपा णसवरपाज क नगपारन ककी धपाक सणन,
क त बपादसपाहन ककी छपातकी धपारकणत हR
णजणह फन फ, तकपार उड़त पहपार भपार,
क, रम कणठन जन कमल णबदणलग।
णवषजपाल जपालपामखकी लवलकीन हत णजन,
झपारन णचकपारर मद णदगज उगणलग
ककीन णजणह पपान पयपपान स जहपान क ल,
कलह उछणल जलणससंध खलभणलग।
खग खगरपाज महपारपाज णसवरपाज ज, क,
अकखल भजसंग मगलदल णनगणलग
ससंदभ गसंथ/पसक :
भ,ष& गसंथपावलकी (णहसंदकी) - ससंपपादक - आचपाय णवशनपाथ पसपाद णमश
ससंप,& भ,ष& (मरपाठकी) - ल. आर. जकी. कपाट
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