Page 12 - Smart Book
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     “मह तो फड़ी अजीफ फात है!
                                                               फक हभ दोनों को एक क ु ल्हाड़ी चादहए!
                                                               भैंने अऩने पऩता की अनुभनत के  खखराप
                                                               भेंढक याजक ु भायी से शादी की.
                                                               फपय पऩताजी ने भेयी ऩत्नी को एक
                                                               रौकी की तुम्फी भें फॊद कयके
           “भैं भेंढकों का याजक ु भाय हॉ,”
                                                               उसे ऩेड़ से रटका ददमा.
           टयााती आवाज़ ने कहा.
                                                               भैं तुम्हें एक कौड़ी द ॊगा
           छोटी ऊॉ गरी ने कहा
                                                               क ु ल्हाड़ी खयीदने के  मरए.
           “भैं अबी तुयॊत तुम्हाया
                                                               फपय क्मा तुभ ऩेड़ काटोगे?”
           टयााना फॊद कय सकता हॉ.
           ऩय उसके  मरए भुझे एक क ु ल्हाड़ी चादहए
           जो अबी भेये ऩास नहीॊ है.”





