एक रकड़हाये औय उसकी ऩत्नी के कोई फच्चा नहीॊ था. एक ददन रकड़हाये की ऩत्नी को एक सऩना आमा. शुस्ती – फच्चों की देवी ने आकय उससे कहा, “एक खीया ढ ॊढो. उसे खाओ. फपय तुम्हें एक सुन्दय फेटा ऩैदा होगा.” ऩत्नी ने रकड़हाये को शुस्ती की कही फात फताई.