Page 36 - RISE-JUNE- 2025
P. 36

TEACHER’S CORNER











                                              उस पार





                                                           ै
                                                                    े
                                         ें
                           िलो – िल उस पार चिरया , लक सपनों की सौगात
                                                                      े
                                                                                       े
                                                                  े
                           यादों की पुड़ड़या में भरकर , प्रम की बूँदें अपन साथ

                                                              े
                             काम ददए जो उस अनत न ,करता जा तू बस ददन-रात
                                                         ीं

                                                                                   े
                            हआ करम जो उस मासलक का, समलते रहेंग हम उस पार
                            ु
                                                                    े
                         नन्हें – नन्हें उन हाथों को , तू लक िलना फिर एकबार
                                                                      े

                         जीवन तुमरा ज्ञान समर्पित , ज्ञान सुधा अमृत की धार



                                                                                    ै
                                    आज यहाँ कल वहाँ बसरा ,जीवन की ह र त यह
                                                               े

                                                        े
                                   सुन्दर पुष्प कमि क राह  ,पोर्ित करना तू हर बार




                         िलो – िल उस पार चिरया ,लक सपनों की सौगात
                                                                           े
                                                                         े
                                                               ै
                                        ें
                                                                                                 े
                                                                       े
                       यादों की पुड़ड़या में भरकर , प्रम की बूँदें अपन साथ















                                                                                                          ीं
                                                                                         पद्मावती कवर

                                                           36
   31   32   33   34   35   36   37   38   39   40   41