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                15 अगस््त 1947 से अब ्तक 75 साल पूर हुए है। 75 साल   शुरू हुआ ्तब हमार अंदर जो भा्वना आई ्वह शब्द में बया
                हमारी स््व्तंत्र्ता क, 75 साल हमारी प्रगत्त और 75 साल   नहीं की जा सतति । आंखे नम थी, आ्वाज में जोश था और
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                हमारी एकजुट्ता क आज पूर हुए है।                हृदय में उल्लास। इसक उपरान््त आगे का काय्वक्रम शुरू हुआ
                                                               । एनसीसी क छात्रों ने अपना गी्त गाया तजसमें ्वो हमार  े
                                                                         े
                आज जहाँ हम पहुंचे हैं, यहाँ ्तक का सफर बहु्त कठिन और
                मुत्ककलों से भरा था मगर हमारा लक्षय  और साहस अटट   देश की रक्ा और एकजुट्ता को सदै्व ऐसे ही बनाए रखने
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                था ।                                           की शपथ खा्ते है। इसक बाद तससटर त्वनी्ता और हमारी
                                                               प्रधानाचाय्व जी ने स््व्तंत्र्ता फद्वस पर अपने त्वचार प्रस््तु्त
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                आजादी क इस अमृ्त महोत्स्व की शोभा कछ अलग ही    फकए। फफर रगारग काय्वक्रम शुरू हुआ। बाल गंगाधर त्तलक
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                है। हर घर हमारा त्तरगा लहरा रहा है और ह्वाओं में कछ   और ज्वाहर लाल नेहरू जी क प्रतसद्ध भाषण फदए गए। रगो
                                                                                                        ं
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                अलग ही जोश है। स्वेर- स्वेर कालेज भी त्तरगे क रग में   और उत्स्व से भरा नृत्य फकया गया तजसमें भार्त क सभी
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                ढल गया । कसरी, सफद और हर रग क गुब्बार, लत़िया और   कोने शातमल थे । एनसीसी क छात्रों ने एक गी्त, नाटक और
                                                                                    े
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                फल से कालेज सतजि्त था । सभी अध्यापक भी त्तरगे क रगो   नृत्य प्रस््तु्त फकया तजसने सब का मन जी्त तलया । इस शुभ
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                की लहर में तलपट हुए थे । एनसीसी क छात्र अपनी खाखी   अ्वसर पर सबको तमिाई बाटी गई ।
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                और सफद पोशाक में त्तरगे को सलामी देने क तलए ्तैयार
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                ख़िे थे। हर ्तरफ देश भतति की लहर छाई हुई थी। फफर   स््व्तंत्र्ता फद्वस सबने पूर उत्साह से मनाया । यह फदन एक
                                                                                    े
                आया समय झंडा-रोहन का, सब सा्वधान मुद्ा में, मन में   यादगार फदन बन गया सबक तलए ।
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                ग्व्व और प्यार तलए त्तरगे को तनहार रहे थे। जब राष्ट् गान      - जय तहन्द
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                                                                                   II BA Economics
                                                                                                               109
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