Page 121 - Magazine 2022-intractive flip
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                                                  े
                                               अंधरी गलियोों स गुजरता हूं मै
                                                                  े
                                               अच््छाई की रोशनी स मुह मोड़ता हूं मै
                                                                             ं
                                                                           ें
                                                                                 े
                                               िककन जब बुराई की दिदि म फसन िगू
                                                 े
                                                                    े
                                               एक अनोखी शक्ति स घर जाता हूं मै
                                                                 े
                                                                                             े
                                               कभी कभी सोचन िगता हूं, क्योा भगवान को सबस प्योारा हूं मै?
                                                              े
                                               कफर नजर पड़ी ईश्वर की उस सृक्टि पर जजसका िाडिा हूं मै
                                                                  े
                                                 े
                                               मरी हर कमी को तून स्वीकारा
                                                                  े
                                               मरी हर ज़िद को तन ककयोा पूरा
                                                                ू
                                                 े
                                               अब योह योकीन होगयोा ह मुझ कक तू हर पि ह मरा सहारा
                                                                          े
                                                                                         ै
                                                                                            े
                                                                     ै
                                                             ै
                                               ककतनी अिग ह तू
                                               ककतनी अक्वश्वसनीयो ह तू
                                                                   ै
                                                                               े
                                                  े
                                                                                े
                                               तून अपन कहस्स की खुशी भी की मर नाम
                                                             े
                                                        े
                                                                   ै
                                                                                   े
                                               ऐस कौन कर सकता ह लसवायो तर, तुझ प्रणाम
                                                  े
                                                                             े
                                                                              े
                                               आज मै एिान करता हूं
                                               मैं बना हूं तुझी स े
                                                          ं
                                               मैं लमि जाऊगा तुझी म ें
                                               क्योोंकक तू और मै एक ह ै
                                                     ँ
                                                 े
                                               मरी मा तू सबस नक ह।
                                                                े
                                                                    ै
                                                              े
                                                       Priya Soly
                                                       II BA Economics
                                                                                                               121
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