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एक नह अनक प ह नारी –
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सर वती का प है नारी
ल मी का व प है नारी
बढ़ जाए जब अ याचार
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काली दगा क अनु प है नारी
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खुिशय का संसार है नारी
जीवन का आधार है नारी
शि का अवतार है नारी
ई र का चम कार है नारी
नेह यार और ममता क
इकलौती पहचान है नारी
एक नह अनेक प है नारी
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