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           एक नह  अनक  प ह नारी –
                                                      ै




           सर वती का  प है नारी



           ल मी का  व प है नारी



           बढ़ जाए जब अ याचार



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           काली दगा  क अनु प है नारी
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           खुिशय  का संसार है नारी




           जीवन का आधार है नारी



           शि  का अवतार है नारी



           ई र का चम कार है नारी



            नेह  यार और ममता क



           इकलौती पहचान है नारी




           एक नह  अनेक  प है नारी



           ि ंस


           क ा – 8 b
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