Page 117 - Sanidhya 2025
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किवाकिभान्न क्षत्राीया कावाा द्वाारा भाारत भ्रमेंण क दौरानों बला क पीरिरवाारजीनोंों
को दश की प्रकिसीद्ध एवां ऐकितहाकिसीक स्थालाों का भ्रमेंण करायाा गयाा।
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इसी पीहला का उद्देश्य पीरिरवाारजीनोंों को नों कवाला मेंनोंोरजीनों और
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किवाश्रीामें प्रदानों करनोंा थाा, बस्तिल्क उन्हे भाारत की सीमेंृद्ध सीांस्कृकितक
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किवारासीत, पीरपीराओंं और किवाकिवा�ता सीे अवागत करानोंा भाी थाा। इसी
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प्रकार क भ्रमेंण पीरिरवाारों क बीचा आपीसीी मेंला-जीोला को बढ़ाानोंे, नोंए
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अनोंभावा सीाझीा करनोंे और बला पीरिरवाारों मेंं उत्सााह एवां ऊजीा का
सींचाार करनोंे मेंं सीहायाक किसीद्ध हुए।

