Page 136 - Sanidhya 2024
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आह्वाान
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�भाी-�भाी जाब या शल्कि�याा खद स बात ��ती हैंंगीी,
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मुहैज़ ए� औ�त, याा �हूँ ए� शल्कि�,
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जां सबहै उठा�� अपन चाद स चहै� �ं आईन मु दखना भाल जााती है, ै
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चाद� मु किसमुटी �� �हैीं खं दती है अपना वाजाद, अपनी पहैचान।
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भाल जााती है कि� वां भाी �भाी ए� हैसता ल्किखलता चहै�ा थाी,
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उस�ी मुस्कान आजा भाी है, उस�ी मुहै� आजा भाी है, ै
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किफ� क्यंं उस�ी आख अपन हैंन �ा सबत मुागीती है, ं
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प्रीनित कमा�ी चदाा
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क्यंं अपन वाजाद �ं कि�सी औ� �ी पनाहै मु खंजाती है? पुत्राी उ. नि�. / �ीडोी लनिलता कमा�ी
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वां जां खद मु हैी सम्पण है, सम्पणता �ा परि�चया है, ै
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सब जाानत है या, किफ� क्यंं वां खद �ं भाल जााती है? ै
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वां शल्कि�, जां अगीा�ंं प� चल �� भाी अपनंं �ं दद �ा एहैसास न हैंन द, े
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जां तपती धैप �ी प्यूास �ं अपन �� स हैी सींच द, े
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किफ� क्यंं उस�ी आत्मा कि�सी सम्माान �ी प्यूासी है? ै
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क्यंं बस थांड़ी स आ�ामु �ी जागीहै उस� किहैस्सा मु नहैीं है?
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क्या उस� है� ए� �ं� प� कि�सी औ� �ा हैक़ है, ै
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बटीी हुई तं मुा-बाप �ी, बहूँ हुई तं सस�ाल �ी,
पत्नीी हुई तं पकित �ी, मुा हुई तं बच्चोंं �ी।
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प� इन सा� रि�श्तंं �ा बंझे किसफ उसी प क्यंं है?
या क़ायाद �ब स है? सकि� � प्रा�भा स याा या हैी किलख किदए गीए है पन्नंं प? े
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आल्किख� वां भाी तं ए� औ�त है, ए� मुा, पत्नीी, बहैन, बटीी है, ै
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प� क्या वां खद भाी है?
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�स �ंज़ खद �ं किफ� स शरू ��ती है, ै
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औ� �ात त� खद �ं ख़ुद मु हैी खं दती है।
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या हैी नहैीं �हैत कि� तमु हैी हैं ना�ी शल्कि�, अमु� शल्कि�।
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वां शल्कि� जां है� दद मु मुस्कान सजााए,
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जां तपती धैप �ी प्यूास �ं अपन लहूँ स बझेाए,
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शायाद वां �हैीं सं गीई है, ै
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उस अब कि�सी औ� �ी नहैीं, बस खद �ं जागीान �ी ज़रू�त है।
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आजा भाी �ई हैाथांं न इन शल्कि�यांं �ं सहैजाा है, ै
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इनमु भा�ंसा �खा, इन� पखंं �ं आसमुान �ी उड़ीान दी है।
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प� �छु रि�श्तंं �ी डों�, जाजाी� बन गीई है, ं
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औ� �हैीं-�हैीं तं जाीन �ा हैौसला भाी है।
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इन हैवााओंं मु �छु खास है, ै
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कि� आजा या शल्कि� किचगीा�ी बन सलगी �हैी है, ं
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है� ठाहै�ावा �ं भास्मा ��, �ाहै गीढ़ा �हैी है, ं
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औ� अपन वाजाद �ं किफ� स त�ाश �हैी है।
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ज़�ा गीौ� स दखं अपन चहै� �ं, अपन अल्किस्तंत्व �ं,
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याहै तमु हैी हैं, वां अमु� शल्कि�, किजास�ा है� यागी मु किजाक्र है।
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हैा, वाहै शल्कि� तमु हैी तं हैं।
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