Page 47 - Sanidhya 2024
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भुरार्वी
                                                         ै

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                                                                         े
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               किदन मु दंपहै� � लगीभागी 2 बजा हैंगी, उत्त�ाखण्ड � पहैाड़ींं  दस�ी त�फ दखन लगीा। तभाी अघां�ी न  े
                                         ं
                                                    े
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        मु  धैप � साथा है�ी गीलाबी ठाडो मु मुौसमु सहैावाना थाा। उत्त�ाखण्ड  �हैा  ‘�ंई  नहैींं,  है�  पतझेड़ी,  बसत  �
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                                                                       े
                                                         े
        �ा इला�ा वास भाी अपन प्रा�कित� सौन्दया वा स्वाास्थ् वाधै� मुौसमु �  आगीमुन �ा स�त दता है। जाीवान याहैी है  ै
                                                                      ं
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        किलए जााना जााता है। 32 वा�  �ा ए� यावा� रुद्रो आहैत मुन औ� बंकिझेल  भांल, चलता जाा। इस पा� नहैींं तं उस पा�
                           ि
                                                               े
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        तन � साथा अपनी साधैा�ण सी साईकि�ल प� संनप्रयाागी स गीौ�ी�ण्ड  �ल्यााण हैंगीा, अच्छा संच, बहैत� ��।
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                                                                                े
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        �ी  ओं�  अग्रीस�  थाा।  उस�ी  साईकि�ल  प�  सामुन  �ी  त�फ  ए�
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                                                                   या  हैी,  है�-फ�  मुाहैौल  मु  ं
                                                                              ु
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        किदलचस्प बंडो लगीा थाा, किजास प� “भाटी�ता मुसाकिफ�” किलखा थाा। जास- े                उपु.नि�./मत्राा. पु�ा कमा�ी,
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                                                       ै
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                                                                                     ं
                                                            थांड़ीी द� बाद सवाा�ी गीौ�ी�ण्ड पहुच  गीयाी।   ग्रीप �न्द् �.रि�.प.बल, �ामुप�
                                                                 े
                                                                                                   े
                                                                                                 े
                                                                                               ु
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        जास ‘�दा�नाथा धैामु‘ ��ीब आ �हैा थाा, उस�ा मुन बीत हुए समुया �
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                                                            पहैाड़ींं मु शामु जाल्दीी हैंती है औ� �ात गीहै�ी।
                                                                  ं
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        सलाब मु बहै गीयाी उस�ी खकिशयांं � �ा�ण धैड़ी�ता जाा �हैा थाा।
                                                                                        े
                                                                ु
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                                                            गीौ�ी�ण्ड प� हैी साधै-सतंं �ी टींली न ए� टीीन शडो � नीच बस�ा
                                                                                                            े
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               जास हैी रुद्रो गीौ�ी�ण्ड � �ास्तं प� पहुचा,  वाहैा डोयाटीी प�  किलयाा। उन्हेंन वाहैा आगी जालाई औ� चाद� किबछुा �� पस� गीया। रुद्रो न  े
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        तनात पकिलस वाालंं �ी नजा� उस�ी साईकि�ल प� गीयाी औ� उन्हेंंन रुद्रो  भाी उसी टीीन शडो � नीच चाद� किबछुाई औ� �म्बल तान �� लटी गीयाा।
                                                     ने
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        �ं  �ं�त-टीं�त  �हैा  “ओं  भाटी�त  मुसाकिफ�,  साईकि�ल  स  इधै�-  अगीली सबहै किनत्यं-किक्रयाा, स्नाान-ध्यान � प�ात रुद्रो याा�ा � किलए किन�ल
                                     ु
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        कि�धै�”? तम्हे मुालमु नहैींं कि� आगी �ास्तंा दगीमु है। थांड़ीी सी भाी इधै�-  गीयाा। थांड़ीी द� मु रुद्रो �दा�नाथा द्वाा� प� खड़ीा थाा। रुद्रो न जाान �ौन सी
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                                                                     े
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                      े
        उधै� हुई, तं �ाल � गीाल मु समुान मु तकिन� भाी द� न लगीगीी। साईकि�ल  संच मु उस द्वाा� �ं ए�टी� दख जाा �हैा थाा। तभाी वाहैी अघां�ी रुद्रो �
                                                  े
                                                                                                            े
        याहैीं �हैीं खड़ीी ��ं औ� टीक्सीी मु लद जााओं। रुद्रो अपन चहै� प�  पास आया औ� बंल ‘है� है� मुहैादवा‘। मुहैादवा सब�ा द ख है�त है। त�  े
                                                      ं
                                                                                          े
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                                                                                                  ः
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                                                                                                  ु
                                                                                   े
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        फी�ी सी मुस्कान लायाा औ� फसफसायाा ‘मुौत आ हैी जााती तं अच्छा  भाी है�गी। याा�ा शरू तं �� भांल‘। या बंल�� वां आगी किन�ल गीया। रुद्रो
                                                                        ु
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        हैंता‘। तभाी पीछु स साधै-सतंं वा दशालओंं �ी टींली आ �हैी थाी। किजानमु  न धैी� स �दमु बढ़ाायाा औ� अपनी याा�ा शरू  �ी। रुद्रो किबना रु�
                                                         े
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        स ए� अघाौ�ी न रुद्रो � �धै प� स्नाहै स हैाथा �खा औ� �हैा ‘भांल  चलता जाा �हैा थाा। 5 कि�लंमुीटी� चलन � बाद उस अघां�ी �ी आवााजा
                             े
                                                                                       े
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                                                                           ं
        इन�ी बात मुान लं, या सहैी �है �है है। सहैी-स�किक्षेत �हैगीा, तभाी तं  किफ� आई। ‘है� है� शभा‘। रुद्रो न दखा वां ए� चाया �ी द�ान मु रु�
                                                 े
                                                                                                         ं
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        �छु दख पायागीा। रुद्रो न पीछु मुड़ी�� दखा ए� अघां�ी किजासन अपन  हुए था। उन्हेंन रुद्रो �ं इशा� स बलायाा औ� ए� चाया मुगीवााई। दंनंं
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        बालंं � ऊँप� जाड़ीा बाधैा हुआ थाा। मुाथा प� लबा कितल�, �सरि�याा  चाया  पीत-पीत  �दा�नाथा  �ी  घााकिटीयांं  �ं  दख  �है  था।  अघां�ी  बंला
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                                      ं
        �पड़ी, �धै प� ए� झेंला, गील वा हैाथा मु रुद्रोाक्षे �ी मुाला औ� दस�  ‘घााकिटीयांं �ा सौन्दया अदभात है‘। रुद्रो बंला ‘हैा, इस सौन्दया न अपन  े
                े
                                                                                                      ि
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        हैाथा मु ए� छुंटी स कि�शल � साथा अलौकि�� �द-�ाठाी एवा आ���  अद� न जाान क्या-क्या छुपा �खा है‘। अघां�ी बंला ‘या �दा�नाथा �ी
                                                                                     ै
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        व्यल्कि�त्व �ा लगी �हैा थाा। रुद्रो उन्हे दख�� अकिवाभात हैं गीयाा औ� उसन  घााकिटीयाा है भांल, �छु तं द�� हैी जाायागीी। तभाी ऊँप� स ए� गीड़ीगीड़ीाता
                                  े
                                                                  ै
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                                                                                                     ँ
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                   ं
        आद� स हैा  मु किस� किहैलायाा।                       हुआ हैली�ॉप्ट� किन�ला। गीड़ीगीड़ीाहैटी �ी आवााजा स रुद्रो �ाप गीयाा औ�
                                                                                               े
              े
                                                            ए� अनचाहै भाया स अपन �ानंं प� हैाथा �ख किलयाा। जास या आवााजा उस  े
                                                                         े
                                                                                                 ै
                                                                     े
                                                                                                   े
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                               रुद्रो  अन्य  लंगींं  �  साथा  ए�  टीक्सीी  मु  त�लीफ द �हैी हैं। रुद्रो न अपनी आख बद �� लीं औ� मुानं �छु
                                                                                          ं
                                                                                       ँ
                                                                                         े
                                                                               े
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                                                                                                           ु
                                 सवाा� हैं गीयाा। अपरि�किचत अघां�ी न  प�ानी याादंं मु चला गीयाा हैं।
                                                         े
                                                                      ं
                                                             ु
                                   �हैा ‘क्या बात है भांल, किजान्दगीी
                                                   े
                                               ै
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                                                                                                 े
                                                                             ू
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                                     स बड़ी रुठा लगीत हैं‘। रुद्रो न     वा�  2013, जान �ा मुाहै थाा। रुद्रो अपन प� परि�वाा� � साथा
                                                                                                         े
                                                                                                 े
                                                                                         ु
                                       बात  �ं  अनसना  ��  �दा�नाथा आयाा थाा। 16 जान 2013 �ं सबहै 5 बजा रुद्रो न अपन मुा- ँ
                                                                               ू
                                                             े
                                                                                                     े
                                                                                                          े
                                                   ु
                                       किदयाा। अघाौ�ी न किफ� पछुा  किपताजाी, ए� छुंटीी बहैन, ए� छुंटीा भााई औ� �छु दंस्तं जां अपन  े
                                                  े
                                                       ू
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                                                                   े
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                                                                             े
                                                                                                    ु
                                        ‘अ�ल  हैं‘।  उन�ी  या  परि�वाा� � साथा आए था, � साथा गीौ�ी�ण्ड स चढ़ााई शरू  �ी थाी।
                                                                               े
                                                                                                         ं
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                                                                े
                                                                               े
                                        बात रुद्रो � किदल मु �हैीं  उस� मुा-किपताजाी लाठाी � सहैा� स चढ़ा �है था। �दा�नाथा मु बहुत
                                                     ं
                                                                                    े
                                                                                      े
                                               े
                                                                                            े
                                                                                                 े
                                                                                              े
                                                                                ै
                                                                                  े
                                        चभा गीयाी औ� वां रुआसा  ज्यादा बारि�श  हैं �हैी थाी। वास तं �दा�नाथा मु अक्सी� बारि�श  हैंती
                                         ु
                                                                                      े
                                                                                              ं
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                                                                                                             े
                                       हैं  गीयाा।  रुद्रो  न  अपना  �हैती है। प� 16 जान 2013 �ं न जाान �ौन स बादल ब�स �है था,
                                                    े
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                                      चहै�ा  नीच  कि�याा  औ�  किजासन �दा�नाथा �ा �ास्तंा मुल्कि�ल �� किदयाा थाा। रुद्रो �ी मुा बहुत
                                                                                                         ँ
                                                                                 ु
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