Page 64 - Sanidhya_2024
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हीरिरायाालाी �ीज केी माहीत्ताा


                                                      ु
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        �माराा देशु त्यो�ाराों काा देशु � जी�ा परा सभी त्यो�ारा बड़ी �म�ाम  औरा अच्छीी स�त काा प्रतीका मानाा
               े
                                                                         े
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        स खशुी औरा उमग का साथ मनााए जीात �। तीजी काो �रिरायाली  जीाता  �,  इसहिलए  �रिरायाली  तीजी
                                                                                     े
                                                                              े
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        तीजी या काजीली तीजी का नााम स भी जीानाा जीाता �। हि�दे प�ाग का  परा �रा राग का कापड़ प�ना ना काी
                                                     ं
                                                                        े
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        अनासारा तीजी काा पवासावानामास का  शुक्लपक्षा काी ततीया हितहिथ  परापराा  �,  जीो  हिका  लब  समय  स  े
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        काो मनााया जीाता �। इस हिदेना स�ाहिगना महि�लाए पहित काी लबी  �ली आ रा�ी �।
        आय का हिलए व्रत राखती �। राामायण वा म�ाभारात कााल म भी इस     इस  उत्सुवा  म  कावााराी
                                                     ं
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        पवा काा उल्लीख हिमलता �। का�ा जीाता � हिका माता पावाती ना  कान्याओंं स लकारा हिवावााहि�त यवाा
                                                           े
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        भगवाानाहिशुवा काी प्रान्धिप्त का हिलए इस व्रत काो हिकाया था, हिजीसस  औरा  वाद्ध  महि�लाए  सन्धिम्माहिलत
                                                           ं
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        प्रसन्नो �ोकारा भगवााना भोलनााथ ना मा पावाती काो पत्नीी का रूप म  �ोती  �।  नावाहिवावााहि�त  यवाहितया  ं
                                                    े
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        स्वीीकाारा हिकाया था। �रिरायाली तीजी का हिदेना पजीा अ�नाा का देौरााना  प्रथम सावाना म मायका आकारा इस   पत्नीी श्रीी सजीय कामारा हिस�,उप म�ाहिनाराीक्षाका
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                                                                                                      ु
                                                                                                श्रीीमतीी पुनम सिंसोह,
                                                                                                          ं
                                                                                                   ु
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        म� जीाप कारानाा बहुत शुभ मानाा जीाता �। य� उत्सुवा महि�लाओंं  �रिरायाली  तीजी  म  सन्धिम्माहिलत  �ोना  े   ग्रुप कान्द् कारिरापबल, सबलपरा
                            ु
                                                                            ं
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        काा  उत्सुवा  �।  सावाना  म  जीब  सम्पण  प्रकाहित  �राी  ओंढ़नाी  स  काी परापराा �। �रिरायाली तीजी का
                                                           े
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                                                                         ै
                                                                                          ृं


                                                                              ं
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        आच्छीाहिदेत �ोती � उस अवासरा परा महि�लाओंं का मना मयरा नात्य  हिदेना  स�ागना  न्धिस्त्या  �रा  राग  काा  श्रीगारा  काराती  �।  इसका  पीछू
                                                                                                                ै
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                                                                  व
        काराना लगत �। वाक्षा काी शुाखाओंं म �ूल पड़ जीात �। आस्थाा,  �ाहिमका कााराण का साथ �ी वाज्ञााहिनाका कााराण भी सन्धिम्माहिलत �।
                         े
                                               व
                                                                     ु
                   व
                                                                                                 ै
        उमग, सौंदेय औरा प्रम काा य� उत्सुवा हिशुवा-पावाती का पनाहिमलना  म�देी स�ाग काा प्रतीका हि�न्हे मानाा जीाता �। इसहिलए महि�लाए
                                                     ु
                                                                                                                ं
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                                                      व
                                                  े
                                                               ं
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                                                                          ं
                                                                 ु
                                                                                              ै
                                                                                                              ृ
                    ं
                                                         े
        का उपलक्ष् म मनााया जीाता �। �ाराों ओंरा �रिरायाली �ोना का   स�ाग पवा म म�देी अवाश्य  लगाती �। इसकाी शुीतल प्रकाहित
                                                       े
                                 ै
                                                                        व
                                                                            ं
                  े
                                                                                                े
                                                                                  ं
        कााराण  इस  �रिरायाली                                   प्रम औरा उमग काो सतलना प्रदेाना काराना काा भी कााम काराती
                                                                  े
                                                                           ं
                                                                                   ु
                                                                                                         ं
                                                                  ै
                                                                                         ै
                                                                 �। �रिरायाली तीजी काा हिनायम � हिका �ो� काो मना म ना�ीं आना  े
                                                                                      ु
                                                                                             ं
                                                                  ं
                                                                     ं
                                                                 दे। म�देी काा और्ष�ीय गण इस म महि�लाओंं काी स�ायता
                                                                                               े
                                                                                                     ु
                                                                 काराता �। इस व्रत म सास औरा बड़, नाई देल्हना काो वास्त्,
                                                                        ै
                                                                                  ं
                                                                                                    ं
                                                                                                      ं
                                                                                                                ं
                                                                  �राी  �हिड़या  श्रीगारा  सामग्रुी  औरा  हिमठााइया  भटे  काराती  �।
                                                                              ृं
                                                                           ं
                                                                       ू
                                                                          े
                                                                  इनाकाा उद्देश्य  �ोता � देल्हना काा श्रीगारा औरा स�ाग सदेा
                                                                                    ै
                                                                                                ृं
                                                                                                         ु
                                                                                      ु
                                                                         े
                                                                  बनाा रा� औरा वाशु काी वान्धिद्ध �ो।
                                                                              ं
                                                                                     ृ
                                                                     का�ा जीाता � हिका इस हिदेना माता पावाती सकाड़ों वार्षी  काी
                                                                               ै
                                                                                                 व
                                                                                                     ै
                                                                                              े
                                                                          े
                                                                   सा�नाा का प�ात भगवााना हिशुवा स हिमली थी। य� भी का�ा
                                                                         ै
                                                                                         े
                                                                   जीाता � हिका माता पावाती ना भगवााना हिशुवा काो पहित रूप म  ं
                                                                                     व
                                                                         े
                                                                    पाना का हिलए 107 बारा जीन्म हिलया हिफेरा भी माता काो पहित
                                                                       े
                                                                                               े
                                                                             ं
                                                                    का  रूप  म  हिशुवा  प्राप्त  ना  �ोसका।  108  वाीं  बारा  माता
                                                                     े
                                                                    पावाती ना जीब जीन्म हिलया तब श्रीावाण मास काी शुक्ल पक्षा
                                                                           े
                                                                       व
                                                                                                          ु
                                                                                                    ं
                                                                      ृ
                                                                                                               े
                                                                     ततीया काो भगवााना हिशुवा पहित रूप म प्राप्त �ो सका।
                                                                     तभी स इस व्रत काा प्राराम्भ हुआ। इस अवासरा परा जीो
                                                                           े
                                                                                   ं
                                                                                           ृं
                                                                       ु
                                                                                                            व
                                                                                                   े
                                                                     स�ागना महि�लाए सोल� श्रीगारा काराका हिशुवा पावाती काी
                                                                       ू
                                                                      पजीा  काराती  �  उनाकाा  स�ाग  लबी  अवाहि�  तका  बनाा
                                                                                                ं
                                                                                          ु
                                                                                 ै
                                                                                      े
                                                                      रा�ता �। साथ �ी देवाी पावाती का का�ना परा हिशुवाजीी ना  े
                                                                                               े
                                                                                                     े
                                                                                            व
                                                                            ै
                                                                             व
                                                                      आशुीवाादे हिदेया हिका जीो भी कावााराी कान्या इस व्रतकाो
                                                                                              ुं
                                                                          े
                                                                                       व
                                                                                                    े
                                                                                                          े
                                                                       राखगी औरा हिशुवा पावाती काी पजीा कारागी उनाका हिवावाा�
                                                                                              ू
                                                                                       ं
                                                                       म आनावााली बा�ाए देरा �ोंगी साथ �ी योग्य वारा काी
                                                                                         ू
                                                                             े
                                                                         ं
                                                                       प्रान्धिप्त �ोगी। स�ागना न्धिस्त्योंकाो इस व्रत स सौभाग्य
                                                                                    ु
                                                                                                          े
                                                                                                            े
                                                                                            े
                                                                                           ं
                                                                        काी प्रान्धिप्त �ोगी औरा लब समय तका पहित का साथ
                                                                                                      े
                                                                        वावााहि�का  जीीवाना  काा  सख  प्राप्त  कारागी।  इसहिलए
                                                                                           ु
                                                                         ै
                                                          ं
                                                               ुं
                                                                         ु
                                             तीजी  का�त  �।  कावााराी औरा स�ागना देोनाों �ी इस व्रत काो राखती � ै
                                                       े
               इस अवासरा परा महि�लाए �ूला �ूलती �, लोकागीत गाती
                                  ं
                                              ं
        � औरा आनादे मनााती �।
                  ं
         ै
                           ै
               सनाातना �म म �राा राग सख, शुाहित, �रिरायाली, तराक्काी
                                          ं
                                 ं
                           ं
                         व
                                    ु
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